Super Flower Moon 2020: आसमान में दूधिया चांदनी बिखेरते सुपरमून के दीदार का इस साल अंतिम मौका 7 मई गुरुवार को है। इसके बाद यह अवसर साल 2021 में ही मिलेगा।

कानपुर। Super Flower Moon 2020: इस साल का आखिरी सुपरमून 7 मई 2020 को आसमान में नजर आने वाला है। अगर आप इसे देखने से चूके तो साल भर इंतजार करना होगा। इसे फ्लॉवर मून भी कहकर बुलाते हैं। यह नाम संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका के उत्‍तर पूर्वी हिस्‍से में रहने वाली जनजातियों ने उसे दिया है, जो कि वर्ष के इस समय इस इलाके में बहुतायत में खिलने वाले फूलों के नाम पर है। इसे अपनी दूधिया सफेद रोशनी के कारण मिल्‍क मून भी बुलाया जाता है। इसे दूधिया सफेद मकई से जोड़कर कॉर्न प्‍लेटिंग मून का भी नाम दिया गया है।

वैशाख पूर्णिमा व फुल मून

भारत सहित दुनिया भर के अनेक देशों के लिए इस फुल मून का महत्‍व वैशाख पूर्णिमा से जोड़कर समझा जा सकता जिसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। दुनिया भर विशेषकर एशिया में बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए यह विशेष दिन है, इस दिन से भगवान बुद्ध के जीवन की तीन प्रमुख घटनाओं को जोड़कर देखा जाता है। उनका जन्‍म, ज्ञान की प्राप्ति व निधन। इस दिन को बुद्ध जयंती के रूप में मनाया जाता है।

इस साल का अंतिम सुपरमून

चार सुपरमून की श्रंखला में यह अंतिम है। 'सुपरमून' यह नाम सबसे पहले एस्‍ट्रोलॉजर रिचर्ड नोल ने 1979 में उपयोग किया था, यह ऐसे न्‍यू या फुल मून के संदर्भ में उपयोग किया गया था जो उसकी 90 प्रतिशत पेरीजी, परिक्रमा पथ में पृथ्वी के सर्वाधिक निकट होता है। इस परिभाषा के अनुसार किसी वर्ष में एक क्रम से तीन या चार सुपरमून हो सकते हैं। वर्ष 2020 में फरवरी से मई के बीच 90 प्रतिशत के इस पैमाने पर खरे उतरने वाले चार फुल मून हैं।

चंद्र आधारित कैलेंडर में फुल मून का महत्‍व

ज्‍यादातर चंद्र आधारित कैलेंडरों में माह न्‍यू मून के साथ बदल जाता है, और फुल मून चंद्र माह के मध्‍य में पड़ता है। ऐसे कैलेंडरों में कई वर्ष बाद एक अतिरिक्‍त माह जोड़ने की आवश्‍यकता पड़ती है जैसे कि हिंदू कैलेंडर में मल मास जोड़ा जाता है। यह सुपरमून इस्‍लामिक कैलेंडर के रमजान माह के मध्‍य में पड़ रहा है।

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Posted By: Inextlive Desk