शासन के निर्देश पर एमडीए ने तैयार किया प्लान

एयरपोर्ट क्षेत्र में एक-एक इंच भूमि का मांगा गया लेखा-जोखा

Meerut। मेरठ में एयरपोर्ट के लिए 'सुपर इम्पोज प्लान' बनकर तैयार हो गया है। शासन के निर्देश पर प्राधिकरण ने इस प्लान को तैयार कर दोबारा शासन को भेज दिया है। एयरपोर्ट के चिह्नित एक-एक इंच जमीन का विस्तृत ब्योरा इस प्लान में प्राधिकरण ने दिया है। मेरठ महायोजना 2021 में घोषित लैंडयूज को चेंज करने के लिए एमडीए ने प्लान बनाया है।

क्या है सुपर इम्पोज प्लान?

परतापुर, गगोल रोड स्थित डॉ। बीआर अंबेडकर हवाई पट्टी का विस्तार किया जा रहा है। और यहां मेरठ एयरपोर्ट का निर्माण किया जाएगा। एमडीए के एटीपी गोर्की ने बताया कि एयरपोर्ट के चिह्नित जमीन का लैंडयूज क्या है, यह जानकारी शासन ने मांगी थी। इसके साथ ही एमडीए ने शासन की निगरानी में मास्टर प्लान 2021 के ऊपर एक सुपर इम्पोज प्लान तैयार किया है। इस प्लान के तहत एयरपोर्ट की जद में आने वाली सभी संपत्तियों का लैंडयूज चेंज किया जाएगा। लैंडयूज को चेंज करने के पहले एयरपोर्ट के लिए शासन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करेगा।

यह मांगी जानकारी

शासन ने प्राधिकरण से एयरपोर्ट के लिए चिह्नित जमीन का डिमार्केशन करते हुए मास्टर प्लान के तहत लैंड यूज के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है। एक्सेल शीट में मौजूदा हवाई पट्टी, फ‌र्स्ट फेस, सेकेंड फेस और गांवों के लिए जाने वाले रास्ते पर पड़ने वाली जमीन का लैंडयूज तलब किया गया है। शासन के निर्देश पर प्राधिकरण ने एयरपोर्ट के लिए चिह्नित कुल भूमि में हवाई पट्टी, आवासीय, इंडस्ट्री, एग्रीकल्चर, पार्क एवं खुले स्थान, फॉरेस्ट आदि की जमीन को चिह्नित कर डिटेल सौंपी है। शासन के परीक्षण के बाद यह सुपर इम्पोज प्लान एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) को सौंपा जाएगा।

एक नजर में

फ‌र्स्ट फेज

46.77 एकड़-एयर स्ट्रिप (मौजूदा भूमि का क्षेत्रफल)

282.73 एकड़-प्रथम चरण में प्रस्तावित अधिग्रहण

329.50 एकड़-प्रथम चरण में प्रस्तावित कुल भूमि

सेकेंड फेज

142.40 एकड़-अधिग्रहण के लिए अनुमानित भूमि

काशी, कंचरनपुर घोपला और गगोल तीन गांवों की भूमि का होगा अधिग्रहण।

खर्च करने होंगे 600 करोड़

गौरतलब है कि नए मास्टर प्लान के तहत लगभग 330 एकड़ भूमि की आवश्यक हवाई अड्डा निर्माण के लिए है। 47 एकड़ से कुछ कम हवाई पट्टी की भूमि एएआई को प्रदेश सरकार 4 जुलाई 2014 को सौंप चुकी है। 282.73 एकड़ भूमि एएआई ने और प्रदेश सरकार से मुहैया कराने को कहा है। लगभग 86 एकड़ सरकारी भूमि चिह्नित है, जिसका स्थानांतरण प्रदेश सरकार द्वारा एएआई को होना है। ऐसे में शेष लगभग 197 एकड़ भूमि प्रदेश सरकार को अधिग्रहित करनी होगी। औसतन एक एकड़ की कीमत तीन करोड़ रुपए के आसपास आंकी जा रही है। इस लिहाज से प्रदेश सरकार को 600 करोड़ रुपए मेरठ की एयरपोर्ट के लिए खर्च करने होंगे।

गगोल तीर्थ भी यथावत रहेगा

मास्टर प्लान में यह प्रावधान रखा गया है कि हवाई अड्डे की वजह से पराग डेयरी भी प्रभावित न हो और पौराणिक गगोल तीर्थ की जमीन और उसका मेला क्षेत्र भी यथावत रहे। अधिगृहित की जाने वाली भूमि पर पराग डेयरी से आगे टर्मिनल बिल्डिंग बनाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा फायर स्टेशन, एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर, यात्रियों के वाहनों की पार्किंग, ग्रीन बेल्ट और हैंगर का प्रावधान भी इसमें किया गया है।

एयरपोर्ट के लिए शासन के निर्देश पर मास्टर प्लान 2021 के ऊपर सुपर इम्पोज प्लान बनाया गया है। प्लान शासन को सौंप दिया गया है। इसमें एयरपोर्ट के लिए चिह्नित कुल संपत्तियों की लैंड यूज का विस्तृत ब्योरा शामिल किया गया है।

इश्तियाक अहमद, चीफ टाउन प्लानर, एमडीए

Posted By: Inextlive