गंगा-सफाई पर मोदी सरकार के ढुलमुल रवैये से सुप्रीम कोर्ट खफा नजर आ रहा है. एपेक्स कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा गंगा-सफाई पर सबमिट किए गए एफिडेविट से खुश नहीं है. कोर्ट ने कहा है कि सरकार स्टेप बाई स्टेप यह क्लीयर करे किगंगा की सफाई को लेकर उसके पास क्या प्लान है. इतना ही नहीं अदालत ने सरकार से इसकी टेंटेटिव डेडलाइन तक मांगी है.

ऐसे तो गंगा की सफाई में 200 साल लगेंगे!
नाखुश कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार के हलफनामे को देखकर तो लगता है कि ऐसे में तो गंगा की सफाई में 200 साल लग जाएंगे. अदावत ने सरकार से कहा कि वह कोशिश करे कि कम से कम आने वाली जेनरेशन को साफ-सुथरी गंगा मिले. हमारे जीते-जी तो पता नहीं.. कोर्ट ने गंगा कैसे साफ होगी इस पर केंद्र को तीन हफ्ते के भीतर अपना जवाब दाखिल करने के इंस्ट्र्क्शन दिए हैं.
सरकार का ध्यान बेकार के कामों पर: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने 13 अगस्त को गंगा की सफाई को एक अहम मुद्दा बताया था. इसके साथ ही अदालत ने सरकार को इसकी सफाई का रोडमैप दो हफ्ते के भीतर दाखिल करने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दायर एक पेटीशन की सुनवाई के दौरान सरकार से पूछा था, 'आप गंगा की सुरक्षा कर रहे हैं?' सरकार द्वारा इस मामले में दो और हफ्ते का समय मांगे जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'आप इस मुद्दे को बहुत महत्वपूर्ण नहीं मान रहे हैं.' लेकिन दूसरे मामलों में जिन मुद्दों को ठंडे बस्ते में होना चाहिए, उन पर आप तेजी दिखाते हैं.

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Posted By: Shweta Mishra