पिछले चार आम चुनावों में आपराधिक बैकग्राउंड रखने वाले उम्मीदवारों की संख्या में खतरनाक वृद्धि को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी राजनीतिक पार्टियों को 48 घंटे के भीतर अपनी वेबसाइटों पर आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों के नाम को अपलोड करने का निर्देश दिया है।

नई दिल्ली (पीटीआई) सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सभी राजनीतिक दलों को चुनाव लड़ने वाले ऐसे उम्मीदवारों का विवरण अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया है, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं। साथ ही यह भी कहा गया गया है कि सभी राजनीतिक दलों को 48 घंटे के भीतर यह काम करना होगा। बता दें कि आम चुनावों में दागी उम्मीदवारों की संख्या में खतरनाक वृद्धि को ध्यान में रखते हुए अदालत ने इस तरह का फैसला सुनाया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि राजनीतिक दलों को अपनी वेबसाइट पर लंबित आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों का चयन करने के लिए कारण भी अपलोड करने होंगे। न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि दागी उम्मीदवारों का चयन करने का कारण योग्यता और मेरिट के संदर्भ में सही होना चाहिए, यह केवल जीत के आधार पर नहीं होना चाहिए।

फेसबुक और ट्विटर पर भी करना होगा नाम पब्लिश

कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि राजनीतिक दल फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर और एक स्थानीय व एक राष्ट्रीय समाचार पत्र में भी इन विवरणों को प्रकाशित करेंगे। शीर्ष अदालत ने कहा कि राजनीतिक दलों को इस संबंध में चुनाव आयोग को 72 घंटे के भीतर लंबित आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों का चयन करने के लिए एक अनुपालन रिपोर्ट देनी होगी। इसके साथ कोर्ट ने कहा है कि अगर पार्टियां ऐसा नहीं करती हैं तो चुनाव आयोग अदालत को इस बात की जानकारी देगा। आदेश सुनाते हुए, पीठ ने कहा कि ऐसा संकेत मिला है कि पिछले चार आम चुनावों में राजनीतिक क्षेत्र में अपराधीकरण तेजी से बढ़ा है। बता दें कि राजनीतिक क्षेत्र में बढ़ते अपराधीकरण को लेकर वकील अश्विनी उपाध्याय ने कोर्ट में एक याचिका दायर की थी।

Posted By: Mukul Kumar