पिछले साढ़े तीन महीने से लग्जरी डीजल गाडि़यों के पंजीकरण से रोक हटने का इंतजार कर रही कार कंपनियों को गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी निराशा हाथ लगी। सुप्रीम कोर्ट ने 2000 सीसी व उससे अधिक इंजन क्षमता वाली लग्जरी डीजल गाडि़यों व एसयूवी के दिल्ली-एनसीआर में पंजीकरण पर रोक अगले आदेश तक बढ़ा दी है। हालांकि इसके साथ ही कोर्ट ने यह साफ कर दिया कि मंहगी डीजल गाड़ियां खरीदने पर चार्ज देना अनिवार्य होगा।


अच्छा परिणाम सामने आया इन वाहनों के पंजीकरण पर रोक की तिथि 31 मार्च को समाप्त हो रही थी। हालांकि, निजी डीजल टैक्सी चलाने वालों को कोर्ट से थोड़ी राहत मिल गई है। कोर्ट ने उन्हें उनकी डीजल टैक्सियां सीएनजी में तब्दील कराने के लिए 30 अप्रैल तक का समय और दे दिया है। उधर, एसपीजी को सुरक्षा के लिहाज से लग्जरी डीजल गाडि़यां पंजीकरण कराने की तो अनुमति मिल गई है लेकिन इसके लिए उसे गाड़ी की कीमत का 30 फीसद पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क (ईसीसी) अदा करना होगा। इस मामले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट की मदद कर रही वकील अपराजिता ने कोर्ट को बताया कि वायु प्रदूषण कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गए आदेशों का बहुत अच्छा परिणाम सामने आया है। इस वर्ष सर्दी में मौसम खराब रहने के बावजूद प्रदूषण का स्तर इतना नहीं बढ़ा जितना बढ़ सकता था।


दूसरी दिशा में मोड़ा गया

इसके साथ ही कोर्ट के आदेश के बाद 21 जनवरी से 28 मार्च के बीच हरियाणा ने चार लाख 29 हजार 95 वाहन दिल्ली के रास्तों से दूसरी ओर मोड़ा गया है। जबकि उत्तर प्रदेश में इस बीच 2831 वाहनों को दिल्ली के बजाय दूसरी दिशा में मोड़ा गया। कोर्ट ने संकेत दिया कि वह भविष्य में लग्जरी डीजल गाडि़यों के पंजीकरण की अनुमति सिर्फ गाड़ी की कीमत पर ईसीसी लगाने की शर्त पर ही दे सकता है। हालांकि कोर्ट ने कहा कि वह इसके लिए गाडि़यों को श्रेणियों में भी बांटा जा सकता है। मर्सडीज जैसी लग्जरी गाडि़यों और सामान्य जन द्वारा उपयोग की जाने वाली 2000 सीसी से ज्यादा क्षमता इंजन की अन्य डीजल गाडि़यों पर ईसीसी की अलग श्रेणी हो सकती है।

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Posted By: Shweta Mishra