सुप्रीम कोर्ट ने फिजिकली चैलेंज्‍ड लोगों के रिजर्वेशन को लेकर एक आदेश दिया है. इसके मुताबिक ऐसे लोगों को हर हाल में रिजर्वेशन मिलना चाहिए. इन लोगों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्वेशन की अधिकतम सीमा की बाध्‍यता भी खत्‍म कर दी है. पढ़ें एक रिपोर्ट...


सभी जगह मिले इन्हें आरक्षणसुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को अपने सभी विभागों, कम्पनियों और संस्थाओं में शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को नौकरियों में 3 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्देश दिया. प्रधान न्यायाधीश पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह निर्णय 8 अक्टूबर, 2013 को दिया.रिजर्वेशन की अधिकतम सीमा इनपर लागू नहींसुप्रीम कोर्ट की पीठ ने निर्णय में स्पष्ट किया कि नौकरियों में 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण न देने का सिद्धान्त इन अक्षम लोगों पर लागू नहीं होना है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि 3 प्रतिशत का यह आरक्षण तीन महीने के भीतर देना चाहिए. पीठ ने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अक्षम लोगों के अधिकारों का संरक्षण करे.चौंकाने वाली एक हकीकत
इसके साथ ही पीठ ने विभिन्न तरह की अक्षमताओं वाले विकलांगों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने के बारे में दिशानिर्देश जारी किए. सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि यह चौंकाने वाली एक हकीकत है कि विकलांगों को विभिन्न सामाजिक अवरोधकों की वजह से रोजगार नहीं मिल रहा है जिसके चलते वह गरीबी में तथा उपेक्षित जीवन जी रहे हैं.

Posted By: Satyendra Kumar Singh