-सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शासन ने जनपद मुख्यालयों को दिए निर्देश

-वीडियो कांफ्रेंस से किशोरों की होगी पेशी, एक साल पहले हुआ था इलाहाबाद में ट्रायल

Meerut: जनपद के राजकीय संप्रेषण गृहों में निरुद्ध किशोरों को अब पेशी के लिए इलाहाबाद (हाईकोर्ट) नहीं जाना पड़ेगा। तो वहीं पड़ोसी जनपद के किशोर की भी पेशी आसानी से हो सकेगी। प्रमुख सचिव महिला कल्याण रेणुका कुमार ने बताया कि सभी किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) और बाल कल्याण समितियों (सीडब्ल्यूसी) में कम्यूटर, वेबकैम और इंटरनेट की व्यवस्था मुकम्मल कराई जा रही है। वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए किशोरों की पेशी अब हो सकेगी। हालांकि एक साल पहले इस योजना का पायलट प्रोजेक्ट इलाहाबाद में शुरू किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट का हवाला

महिला कल्याण विभाग के निदेशक भवानी सिंह की ओर से मेरठ समेत सूबे के सभी जनपदों में स्थित जेजेबी और सीडब्ल्यूसी में कम्प्यूटर (वेबकैमरा सहित), इंटरनेट कनेक्शन और टेक्निकल की तैनाती सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं। जिला प्रोवेशन अधिकारी को जारी आदेश में निदेशक ने कहा कि यह भी तय कर लें कि प्रोजेक्ट का मेंटीनेंस प्रॉपर हो सके। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने एक रिट के संदर्भ में वीडियो कांफ्रेंसिंग सिस्टम एडॉप्ट करने के आदेश जारी किए थे। निदेशक ने जिला मुख्यालयों को जल्द से जल्द सेटअप तैयार के आदेश दिए हैं।

इलाहाबाद में पायलट प्रोजेक्ट

प्रमुख सचिव ने आई नेक्स्ट को बताया कि गत वर्ष इलाहाबाद में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए किशोरों की पेशी के संबंध में पायलट प्रोजेक्ट स्थापित किया था। सरकार तब से ही प्रयासरत है कि कम से कम मंडल मुख्यालयों पर इस तरह के वीडियो कांफ्रेंसिंग प्रोजेक्ट किए जाएं। मेरठ के संदर्भ में प्रमुख सचिव ने कहा कि मेरठ स्थित जुवेनाइल सेल में मेरठ के अलावा बागपत के किशोर भी निरुद्ध हैं। संयंत्र स्थापित होने के बाद बागपत के किशोरों की पेशी भी यहीं से हो जाएगी तो वहीं हाईकोर्ट में पेशी के लिए इलाहाबाद जाने की आवश्यकता नहीं होगी। हर डिस्ट्रिक्ट में जुवेनाइल सेल की स्थापना का विकल्प योजना हो सकती है तो वहीं किशोरों की पेशी के दौरान आने वाली समस्याओं से निजात मिलेगी। पेन्डेंसी निपटेगी।

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वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए किशोरों की पेशी के लिए सूबे के सभी प्रोवेशन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। जल्द से जल्द संयंत्र स्थापित कर शासन को सूचित करना होगा।

रेणुका कुमार, प्रमुख सचिव, महिला कल्याण

Posted By: Inextlive