आज देश के रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने दिवंगत उमरावमल पुरोहित स्मृति अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्‍होंने भारतीय रेलवे में एक बड़े निवेश की जरूरत बतायी है। उनका कहना है कि इसमे भारी निवेश तथा नयी प्रौद्योगकी लाना आज के दौर में बेहद जरूरी हो गया है। इस दौरान उन्‍होंने अमेरिका और चीन की रेलवे का उदारहण भी दिया।


बड़ा निवेश होगा रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने आज दिल्ली में दिवंगत उमरावमल पुरोहित स्मृति अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने वहां पर मौजूद लोगों को संबोधित किया। उनका कहना है कि आज वर्तमान दौर में भारतीय रेलवे काफी तेजी से तरक्की की ओर बढ़ने का प्रयास कर रही है। उसका मिशन अपने यात्रियों को सफर के दौरान बेहतर सुविधा देना है। हालांकि इसके लिए साफ है कि भारतीय रेलवे में निवेश की जरूरत है। निवेश की कमी के कारण रेलवे को परिवहन कारोबार के अवसरों का नुकसान हो रहा है। जिससे अब रेलमंत्रालय ने तय किया आने वाले समय में यहां पर एक बड़ा निवेश किया जाएगा। जिससे यह तेजी से आधुनिक सुविधाओं से लैस होगी।निवेश काफी कम
इस दौरान उन्होंने चीन का उदाहरण भी दिया है। चीन में रेलवे में सालाना निवेश 9-10 लाख करोड़ रुपये होता है। वहीं भारत में सिर्फ 40,000 करोड़ रुपये ही है। जो काफी कम निवेश राशि है। इतना ही नहीं उनका यह भी मानना है कि बुनियादी ढांचे के साथ-साथ नयी प्रौद्योगिकी भी आनी चाहिए। आज की वर्तमान प्रौद्योगिकी के विकास के लिए अनुसंधान व विकास केंद्र होने चाहिए। जिससे इस दिशा में नए अविष्कार होने के साथ ही यहां पर विश्व की श्रेष्ठ प्रौद्योगिकी का विस्तार होना चाहिए। इस दौरान उन्होंने भारतीय रेलवे की तुलना अमेरिका की रेल रोड सेवा एमट्रेक से की। उनका कहना है कि निवेश नहीं किए जाने की वजह से ही एमट्रेक फेल हो गई।

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Posted By: Shweta Mishra