Sushant Singh Rajput death case: बिहार सरकार ने SC को दिया हलफनामा, बताया - सुशांत को ओवर डोज देकर पागल घोषित करना चाहती थी रिया
नई दिल्ली (आईएएनएस)। बिहार सरकार ने एक हलफनामे में शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किया कि सुशांत सिंह राजपूत मामले में बिहार पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का अधिकार क्षेत्र है। साथ ही सुशांत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती को मुख्य आरोपी बताया गया। हलफनामे में बताया गया कि, रिया ने दिवंगत अभिनेता सुशांत से नजदीकियां सिर्फ उनकी जायदाद हड़पने के लिए बनाई थी। यही नहीं रिया ने सुशांत को दवाईयों का ओवर डोज दिया और दुनिया के सामने सुशांत को पागल घोषित करना चाहती थी।
सुशांत के पैसे हड़पने आई थी रिया
हलफनामे में कहा गया कि मृतक के पिता ने SHO, राजीव नगर को लिखित शिकायत दी और कहा कि वर्ष 2019 में याचिकाकर्ता रिया चक्रवर्ती करोड़ों रुपये हड़पने के एकमात्र इरादे के साथ मृतक अभिनेता के संपर्क में आई। आगे कहा गया है कि याचिकाकर्ता और उनके रिश्तेदार अर्थात् इंद्रजीत चक्रवर्ती, संध्या चक्रवर्ती, शोविक चक्रवर्ती मृत अभिनेता के जीवन में पूरी तरह से हस्तक्षेप करते थे। "याचिकाकर्ता (रिया) और उसके रिश्तेदार ने मृतक अभिनेता को यह आभास देने की पूरी कोशिश की कि वह मानसिक बीमारी से पीड़ित है जिसके लिए उसे उपचार की आवश्यकता है।
परिवार से मिलने नहीं देती थी रिया
रिया बाद में सुशांत को अपने घर भी ले गई, जहाँ उसने उसे दवाई की ओवरडोज देना शुरू कर दिया। शपथ पत्र में सुशांत के पिता केके सिंह का हवाला दिया गया है सिंह। हलफनामे में कहा गया है कि रिया ने भी सुशांत के सभी सामानों को अपने कब्जे में ले लिया और उसे अपने परिवार से दूर रखने का हर संभव प्रयास किया। यही नहीं रिया ने सुशांत के बैंक खाते की डिटेल ले ली और अपनी इच्छा के अनुसार बैंक खाते का उपयोग करना शुरू कर दिया। सुशांत ने इस बीच इंडस्ट्री छोड़ जैविक खेती करने का मन बनाया मगर रिया ने सुशांत को यह कहकर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया कि वह क्या करेगी? खैर रिया के खिलाफ अब सीबीआई और ईडी ने जांच शुरु कर दी है।
बिहार सरकार ने अपने हलफनामे में मुंबई पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए। हलफनामे में कहा गया, 'पटना पुलिस के साथ मुंबई पुलिस ने किसी भी तरह का सहयोग नहीं किया। मुंबई पुलिस ने उन्हें कोई भी दस्तावेज नहीं दिया जैसे कि इंक्वेस्ट रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, एफएसएल' हलफनामे में कहा गया है कि बाद में किए गए कई अनुरोधों के बावजूद पटना पुलिस को सीसीटीवी फुटेज तक नहीं दिया गया।