सुशांत सिंह राजपूत केस: कौन हैं बिहार के आईपीएस विनय कुमार तिवारी जिन्हें मुंबई पुलिस ने किया था क्वारंटीन
पटना (ब्यूरो/पीटीआई)। सिटी एसपी सेंट्रल पटना विनय तिवारी की गिनती बिहार के तेजतर्रार आईपीएस अफसर में की जाती है। अपनी ईमानदारी और सिद्धांत के लिए जाने जाते हैं। यूपी के ललितपुर जिला के भैलवारा गांव के निवासी हैं। बीएचयू से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की। वर्ष 2015 बैच के बिहार कैडर के आईपीएस हैं। दो वर्ष की ट्रेनिंग के बाद विनय तिवारी को बेगूसराय और गोपालगंज में तैनाती मिली। इन दोनों जिलों में इन्होंने कई लंबित केसों को सुलझाया।
पटना के काबिल अफसरों में गिनती
बेगूसराय में रहते हुए शराबबंदी और गो तस्करी पर रोकथाम जैसे कार्यों को बखूबी अंजाम दिया। वर्तमान में विनय तिवारी पटना सिटी एसपी सेंट्रल हैं। विनय तिवारी अपनी कार्यकुशलता व प्रतिभा के बल पर बिहार के अच्छे पुलिस अधिकारियों में अपना स्थान बनाए हुए हैं। उकृष्ट सेवा पदक से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों सम्मानित हुए। विनय तिवारी की काबलियत को देखते हुए डीजीपी ने अभिनेता सुशांत सिंह मौत मामले की जांच के लिए मुंबई भेजा।
-जनवरी 2020 में पटना के पाटलिपुत्र कॉलोनी से किडनैप स्टूडेंट को 48 घंटे के अंदर अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाया।
-29 जनवरी 2020 को पटना के टीपीएस कॉलेज के प्रोफेसर शिव नारायण राम की हत्या हुई थी। इस मामले का भी खुलासा करते हुए प्रोफसर के भाई समेत कई अपराधियों को गिरफ्तार किया था।
-पाटलिपुत्र थाना के मुंशी अरविंद पांडेय शराब के नशे में फरियाद लेकर आई एक महिला से बदतमीजी करने की शिकायत मिली थी। सिटी एसपी विनय तिवारी ने तड़के तीन बजे थाने पहुंचकर नशे में धुत मुंशी को पकड़ा। मुंबई जांच में क्या मिलाशुक्रवार देर रात पटना लौटने पर, विनय तिवारी, जो यहाँ एसपी सिटी (पूर्व) के पद पर तैनात हैं, ने अपनी टीम द्वारा की गई जाँच के निष्कर्षों पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि ऐसा करना "अनुचित" होगा। तिवारी ने यहां हवाई अड्डे पर अपने आगमन पर संवाददाताओं से कहा, 'मैंने अपने आधिकारिक दौरे के बारे में मुंबई में अपने समकक्षों को विधिवत सूचित किया था। मैंने आवास की मांग की थी और एक वाहन की माँग की थी। चूँकि मेरी यात्रा और इसका उद्देश्य अच्छी तरह से ज्ञात था, मीडिया के लोगों ने हवाई अड्डे पर ही अपने सवालों के साथ मुझसे संपर्क किया।'
जबरदस्ती क्वारंटीन करने का लगाया आरोप
आईपीएस अधिकारी, जो शुक्रवार को क्वारंटीन से रिहा हुए थे। उन्होंने निराशा के साथ टिप्पणी की कि उनके दौरे के बारे में सूचना के बावजूद मुझे लेने के लिए कोई भी हवाईअड्डा नहीं आया। तिवारी ने बताया, 'फिर भी, मैंने एक गेस्ट हाउस में जाँच की और फिर अपनी टीम के सदस्यों से मिलने गया, जो 27 जुलाई से शहर में थे, और जाँच का जायजा ले रहे थे। रात लगभग 10 बजे मुझे बीएमसी अधिकारियों का फोन आया। इसके बाद उन्होंने मुझे क्वारंटीन कर दिया।'