भाजपा की कद्दावर नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का यूपी से 'अटल' नाता था। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की करीबियों में शुमार सुषमा स्वराज का लखनऊ से बेहद लगाव था। राज्य सरकार ने सुषमा स्वराज के निधन के बाद सारे कार्यक्रम निरस्त कर दिए।


लखनऊ (ब्यूरो)। भाजपा की कद्दावर नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का यूपी से 'अटल' नाता था। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की करीबियों में शुमार सुषमा स्वराज का लखनऊ से बेहद लगाव था। उनके चुनाव प्रचार की कमान को संभालती थी। उनके असमय निधन की खबर से पूरे शहर में आमजनों के बीच शोक की लहर दौड़ गई। सभी सुषमा स्वराज के लोगों के साथ जुड़ाव को याद करने लगे।लालजी टंडन का आवास था ठिकाना


अटल की जीत के लिए उनके कदम कभी थकते नहीं थे। यही वजह है कि अटल बिहारी वाजपेई ने वर्ष 2000 में उनको लखनऊ से राज्यसभा भेजा। अटल की तरह केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी सुषमा स्वराज को अपना पारिवारिक सदस्य मानते थे। लखनऊ आने पर उनका ठिकाना पूर्व सांसद एवं वर्तमान में मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का आवास होता था जहां वे लखनवी व्यंजनों का स्वाद जरूर लेती थीं। अटल बिहारी के बाद जब लालजी टंडन ने लखनऊ से सांसद पद का चुनाव लड़ा तो सुषमा बिना बुलाए प्रचार करने लखनऊ आ गयी थीं। छोटे से छोटे कार्यकर्ता का नाम उनकी जुबान पर रहता था, यही वजह है कि बुधवार को जब भाजपा मुख्यालय पर सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि देते वक्त कई पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की आंखें नम हो गयीं।एक ट्वीट से सुलझाया पासपोर्ट मामलामोदी सरकार में विदेश मंत्री रहते सुषमा स्वराज के एक ट्वीट से लखनऊ की एक युवती का पासपोर्ट न बनने का मामला सुलझ गया था। हालांकि इस दौरान सुषमा को ट्विटर पर काफी आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा। उन्होंने आहत होकर ट्वीट किया था 'मैं 17 से 23 जून 2018 के बीच भारत से बाहर थी। मैं नहीं जानती कि मेरी अनुपस्थिति में क्या हुआ। हालांकि, मुझे कुछ ट्वीट से सम्मानित किया गया। मैं इसे आपके साथ साझा कर रही हूं। जिनको मैंने पसंद किया है'। इसके बाद पार्टी के कई बड़े नेता उनके समर्थन में आगे आए थे। मामला लखनऊ निवासी तन्वी सेठ उफ सादिया अनस के पासपोर्ट से जुड़ा था जिसे पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा ने बनाने से इंकार कर दिया था। तन्वी का आरोप था कि विकास मिश्रा ने उनसे मुस्लिम युवक से शादी करने को लेकर अनावश्यक टिप्पणी की जिसके बाद विकास मिश्रा पर एक्शन लिया गया और तमाम विरोध के बावजूद विदेश मंत्रालय के निर्देश उसका पासपोर्ट बनाकर दे दिया गया था। लखनऊ ही नहीं, देश भर में ऐसे तमाम मामले हैं जिनमें सुषमा स्वराज ने व्यक्तिगत रुचि लेकर लोगों की मदद की।

गर्वनर और सीएम ने दी श्रद्धांजलिराज्यपाल आनंदीबेन पटेल सुषमा स्वराज के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी तथा परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। राज्यपाल ने कहा कि सुषमा स्वराज वास्तव में एक विदुषी, सक्रिय राजनेता एवं संवेदनशील व्यक्तित्व की महिला थी जिन्होंने अपनी कार्यशैली से लोगों के दिल में स्थान बनाया था। एक ट्वीट पर दूसरों की समस्या का समाधान करने वाली विदेश मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल सदैव यादगार रहेगा।हमें बहुत कुछ सीखने को मिला

वहीं सीएम योगी भी नयी दिल्ली पहुंचे और सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि अर्पित की। योगी ने कहा कि सुषमा स्वराज का इस दुनिया से जाना सम्पूर्ण देश के लिए बड़ी क्षति है। उन्होंने हमेशा नारी शक्ति का सम्मान बढ़ाया। हमारा मार्गदर्शन किया और संसद में कैसे प्रस्तुति दी जाए, इसका उदाहरण सभी के सामने रखा। अस्वस्थ होने के बावजूद बनारस में प्रवासी भारतीय दिवस की सफलता के लिए जिस प्रकार से योगदान दे रहीं थीं उससे हमें बहुत कुछ सीखने को मिला। अस्वस्थता के कारण जब एक बार वह विदिशा में सभा करने में नहीं जा पायीं, तब उन्होंने मुझे फोन करके सभा संबोधित करने को कहा। बाद में फिर उनका फोन आया और उन्होंने सभा की सफलता की बधाई देकर मेरा हौसला बढ़ाया।lucknow@inext.co.in

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari