वसूली कांड की गाज आखिरकार एसपी डॉ. सतीश कुमार पर गिर ही पड़ी. चुनाव आयोग से मंजूरी के बाद गुरुवार को उन्हें सस्पेंड कर दिया गया.

- चुनाव आयोग से मंजूरी मिलने के बाद हुई कार्रवाई

- डीजीपी मुख्यालय से किया गया संबद्ध, वसूली में शामिल होने से इंकार नहीं

Gorakhpur@inext.co.in
GORAKHPUR: बाराबंकी में ट्रेडिंग कंपनी के संचालकों से 65 लाख रुपये की वसूली कांड की गाज आखिरकार एसपी डॉ. सतीश कुमार पर गिर ही पड़ी. चुनाव आयोग से मंजूरी के बाद गुरुवार को उन्हें सस्पेंड कर दिया गया. फिलहाल उन्हें डीजीपी मुख्यालय से संबद्ध किया गया है. इसके साथ ही पूरे मामले में उनकी संलिप्तता को लेकर विस्तृत जांच के आदेश भी दिये गए हैं.

यह था मामला
बाराबंकी के हैदरगढ़ निवासी सांवले शर्मा ने विश्वास ट्रे¨डग कंपनी के संचालकों कोलकाता निवासी प्रेसनजी सरदार, शंकर गायन व धीरज श्रीवास्तव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. शंकर का आरोप है कि उन्हें व उनके साथियों को फर्जी मामले में साक्ष्यों के बगैर 11 जनवरी को जेल भेज दिया गया था. यही नहीं लखनऊ स्थित उनका ऑफिस भी सील कर दिया गया था. जमानत पर छूटने के बाद आरोपियों ने डीजीपी को पूरे मामले की जानकारी दी और साइबर सेल प्रभारी दारोगा अनूप यादव पर 65 लाख रुपये वसूलने का आरोप लगाया था.

एसटीएफ ने की थी गोपनीय जांच
शिकायत मिलने पर डीजीपी ओपी सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी गोपनीय जांच एसटीएफ को सौंपी थी. गृह विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, इस जांच में सामने आया कि बीती आठ जनवरी को दारोगा अनूप यादव के बुलावे पर कंपनी के संचालक अपने दस्तावेजों को लेकर पहले क्राइम ब्रांच और उसके बाद एसपी बाराबंकी डॉ. सतीश कुमार से मिले थे. मुलाकात के बाद डॉ. सतीश कुमार ने कंपनी संचालक से कहा था कि 'आप जाइए और जब विवेचना के लिए बुलाया जाएगा तो सहयोग करिएगा'. जब कंपनी संचालक वापस लौटने लगे तो दारोगा अनूप यादव ने कहा कि 'आप लोग गिरफ्तार हो गए हैं. 60 लाख रुपये दो नहीं तो कंपनी और माल सीज हो जाएगा.'

दो दिन बाद कर्मचारी से मंगाई रकम
रिपोर्ट में बताया गया कि दो दिन तक हिरासत में रखने के बाद 10 जनवरी को दारोगा अनूप यादव ने कर्मचारी राजू को छोड़ा और रकम का बंदोबस्त करने के लिए कहा. उसी दिन रात में राजू ने 60 लाख रुपये दारोगा अनूप को लाकर दे दिये. एसटीएफ के एएसपी विशाल विक्रम सिंह की अध्यक्षता में गठित जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में आरोपों की पुष्टि होने पर रिपोर्ट डीजीपी को सौंपी थी. हालांकि पुलिस के मुताबिक इस मामले में 65 लाख रुपये की वसूली की गई थी.

एसपी की संलिप्तता से इंकार नहीं
गृह विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, डीजीपी ने बीती एक अप्रैल को शासन को दी गई अपनी आख्या में कहा गया था कि एसटीएफ की रिपोर्ट पढ़ने पर यह पाया गया कि पूरे मामले में एसपी डॉ. सतीश कुमार की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता, जिसकी गहन जांच की जरूरत है. इसी आधार पर डॉ. सतीश कुमार को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच के निर्देश दिए गए हैं.

Posted By: Kushal Mishra