- मंगल पांडे नगर स्थित एक स्कूल में किसने रखी ब्रीफकेस में ईंट और क्या था उसका मकसद

- शरारती तत्वों की करतूत बताकर पूरे प्रकरण को बेहद हल्के में ले रहा पुलिस प्रशासन

- सूचना के चार घंटे बाद मौके पर पहुंचा बम निरोधक दस्ता, कहीं ये बड़े धमाके का रिहर्सल तो नहीं

Meerut: मंगलवार को मंगल पांडे नगर स्थित स्कूल में मिली अटैची से उड़ी बम की अफवाह को पुलिस मजाक मान कर चल रही है। पुलिस ने यह जानने की जरूरत नहीं समझी कि मजाक करने वाले का मकसद क्या है। कहीं यह आतंकियों की मॉक ड्रिल तो नहीं, जिसमें पुलिस प्रशासन की सतर्कता नापी जा रही हो। कहीं अटैची और उसमें मिली ईट किसी आतंकी घटना की दस्तक तो नहीं। हम आपको बता दें कि पेशावर कांड के बाद खुफिया एजेंसियां भारत के स्कूलों में भी आतंकी हमले की आशंका जता चुकी हैं और कथित 'शरारती बम' भी एक स्कूल कैंपस में पाया गया।

क्या है मामला

मंगलवार को मंगल पांडे नगर स्थित होशियारी जसराम सैनी स्मारक जूनियर हाई स्कूल के केयर टेकर प्रमोद सैनी करीब दस बजे लघुशंका के लिए उठा। जब प्रमोद पानी की टंकी के पास पहुंचा तो उसको वहां एक न्यू ब्रांड अटैची संदिग्ध हालत में पड़ी दिखाई दी। प्रमोद ने इसकी जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम को दी। सूचना पर पहुंची पुलिस और बम निरोधक दस्ते में अटैची को तोड़ा तो उसमें ईट रखी पाई गई।

सुरक्षा इंतजाम की खुली पोल

स्कूल में मिली अटैची से उड़ी बम की सूचना ने पूरे पुलिस सिस्टम की पोल खोल दी। घटना की सूचना मिलने के एक घंटे बाद पहुंची पुलिस पहुंची। जबकि चार घंटे के बाद बम निरोधक दस्ता मौके पर पहुंचा। जिसने पुलिस की सुरक्षा की पोल खोल दी।

पुलिस ने मिटाए सबूत

सूचना मिलते ही फैंटम पुलिस ने होशियारी दिखाते हुए न केवल अटैची उठाकर स्कूल के प्ले ग्राउंड पटक दिया, बल्कि आरोपियों के फिंगर प्रिंटस से लेकर स्निफिंग एवीडेंस भी गायब कर दिए। घटना स्थल पर जब पुलिस स्निफर डॉग्स को लेकर पहुंची तो अटैची के मिस पैलेस होने से स्निफर्स न तो कोई लोकेशन ट्रेस कर पाए और न ही फिंगर प्रिंटस एक्सपर्ट कोई प्रिंट उठा पाए।

इतने में हो जाते कई सीरियल ब्लास्ट

जितनी देर में पुलिस सहायता व बम निरोधक दस्ता मौके पर पहुंचा उतनी देर में तो शहर में एक नहीं कई सीरियल बम ब्लास्ट हो सकते थे। ऐसे में शहरवासियों के लिए सरकारी सुरक्षा इंतजाम किस दर्जे के मजबूत हैं इसका अंदाजा घटना के बाद आसानी से लगाया जा सकता है।

आतंकवादियों का मॉक ड्रिल तो नहीं

जिस घटना को पुलिस महज एक मजाक मानकर चल रही है। वह किसी आतंकी घटना का मॉक ड्रिल भी तो हो सकता है। शहर में बम ब्लास्ट का रिहर्सल कर आतंकी यहां के सुरक्षा इंतजाम व पुलिस की चुस्ती का डेमो देखना चाहते हों। इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि मेरठ आतंकियों की हिट लिस्ट में है।

रात दस बजे लघुशंका के लिए उठा तो अटैची पड़ी देखी। संदिग्ध हालत में मिली अटैची की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी, लेकिन बम निरोधक दस्ता ढ़ाई बजे पहुंचा। जब तक सांस गले में अटकी रहीं।

प्रमोद सैनी, केयर टेकर स्कूल

आतंकी वारदात से पहले किसी तरह की रिहर्सल नहीं करते हैं, लेकिन अटैची में कपड़े या कागजात की जगह ईंट का मिलना संदिग्ध है। अगर ये किसी की शरारत है तो उसके मकसद का पता लगाना होगा। हमने एसओ मेडिकल को इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

-सुभाष सिंह बघेल

एसएसपी

Posted By: Inextlive