प्रदेश के परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को प्रदेश भाजपा का नया सारथी बनाया गया है.

- भाजपा हाईकमान ने बनाया प्रदेश अध्यक्ष, संगठन का है लंबा अनुभव

- कई चुनावों में भाजपा को दिलाई जीत, लंबे समय तक रहे महामंत्री

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LUCKNOW: प्रदेश के परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को प्रदेश भाजपा का नया सारथी बनाया गया है। पार्टी हाईकमान ने सोमवार को नई दिल्ली में बैठक में डॉ। महेंद्र नाथ पांडेय की जगह स्वतंत्र देव को यूपी भाजपा का नया अध्यक्ष बनाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। पिछड़ी जाति के स्वतंत्र देव को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाने के साथ ही भाजपा ने साफ कर दिया कि वह ओबीसी वोट बैंक पर अपनी पकड़ को बरकरार रखेगी। स्वतंत्र देव को संगठन के कामकाज का लंबा अनुभव रहा है। बीते दो लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में उन्होंने पार्टी को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई तो कई अन्य राज्यों में हुए चुनावों में भी पार्टी ने उन पर भरोसा जताते हुए प्रचार करने भेजा।

आरएसएस से पॉलिटिक्स में आए
मिर्जापुर में जन्मे स्वतंत्र देव सिंह ने जालौन में ग्रेजुएशन करने के बाद झांसी को अपना कार्यक्षेत्र बनाया। वर्ष 1986 में आरएसएस का स्वयंसेवक बनने के दो साल बाद उनको अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का संगठन मंत्री बना दिया गया। इसके बाद उन्होंने राजनीति में पीछे मुड़कर नहीं देखा। वर्ष 1991 में उनको भारतीय जनता युवा मोर्चा का कानपुर का प्रभारी बनाया गया। इसके बाद बुंदेलखंड की जिम्मेदारी दी गयी। उनके राजनीतिक कौशल को देखते हुए वर्ष 1996 में पार्टी ने उनको भाजयुमो का प्रदेश महामंत्री बना दिया। वर्ष 2004 में पहली बार मुख्यधारा की राजनीति करते हुए स्वतंत्र देव को एमएलसी बनने का मौका भी मिला। इस दौरान वे पार्टी के प्रदेश महामंत्री भी रहे। वर्ष 2017 तक प्रदेश महामंत्री के दौरान पश्चिम क्षेत्र का प्रभारी और प्रदेश सदस्यता प्रमुख जैसी जिम्मेदारियां भी मिलती रही। वहीं सूबे में भाजपा को बहुमत मिलने के बाद उनको परिवहन मंत्री बना दिया गया।

पीएम की रैलियों के प्रभारी रहे
वर्ष 2002 में युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहते स्वतंत्र देव को आगरा में मोर्चा का राष्ट्रीय अधिवेशन कराने का अवसर भी मिला जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने शिरकत की थी। वर्ष 2009 में वह लालकृष्ण आडवाणी की रैलियों के प्रमुख रहे तो वर्ष 2012 में विजय संकल्प यात्रा कराई। वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान उनके कामकाज ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह को खास प्रभावित किया। इसके बाद नरेंद्र मोदी की रैलियों का प्रभार लगातार उनके पास रहा। विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिले बहुमत के बाद उनको केशव प्रसाद मौर्या की जगह नया प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना भी जताई जा रही थी पर पार्टी हाईकमान ने यह जिम्मेदारी डॉ। महेंद्र नाथ पांडेय को सौंप दी थी।

स्वतंत्रदेव सिंह का सियासी सफर

1986: आरएसएस प्रचारक बने।

1988-89 : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में संगठन मंत्री

1991: भाजपा कानपुर के युवा शाखा के मोर्चा प्रभारी

1994: बुन्देलखण्ड के युवा मोर्चा के प्रभारी

1996: युवा मोर्चा का महामन्त्री

1998: फिर से भाजपा युवा मोर्चा का महामंत्री

2001: भाजपा के युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष

2004: विधान परिषद के सदस्य

2004: प्रदेश महामंत्री बने

2004-2014 : दो बार प्रदेश महामंत्री

2010: प्रदेश उपाध्यक्ष बने

2012-2017 : महामंत्री, 2017 से राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार

Posted By: Inextlive