स्वाइन फ्लू से पीडि़त मरीजों की संख्या 181 और मृतकों की संख्या पहुंची 26 हुई

कम टेंप्रेचर में तेजी से फैलता है स्वाइन फ्लू

देहरादून

स्वाइन फ्लू से पीडि़त मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। एक बार फिर ठंड बढ़ने के साथ ही मरीजों का आंकड़ा एक बार फिर बढ़ने लगा है। गुरुवार तक स्वाइन फ्लू से पीडि़त मरीजों की संख्या 181 और मृतकों की संख्या 26 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग को खुद अब मौसम के बदलने का इंतजार है।

विभाग ने नहीं लिया एक्शन

एक तरफ स्वाइन फ्लू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग ने अब तक जागरूकता अभियान का ही सहारा लेकर स्वाइन फ्लू के प्रकोप को कम करने की कोशिश की है, लेकिन प्रकोप कम नहीं हुआ तो अब स्वास्थ्य विभाग ने हार मानकर मौसम चेंज होने तक इंतजार करने की बात को स्वीकार की है। दून के सीएमओ डा। एसके गुप्ता का कहना है कि मौसम में बदलाव आने के बाद ही स्वाइन फ्लू का खतरा कम हो सकता है। उन्होंने माना कि स्वाइन फ्लू के वायरस के लिए नवंबर से मार्च-अप्रैल का समय काफी अनुकुल होता है। ऐसे में मौसम में गर्माहट आने के बाद ही स्वाइन फ्लू का खतरा कम हो सकता है।

20 नये मरीज, एक डेथ

सीएमओ कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार को 20 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जिससे स्वाइन फ्लू से पीडि़त मरीजों की संख्या 181 हो गई है। 11 मरीज महंत इंदिरेश अस्पताल, 4 दून अस्पताल, 2 मैक्स, 1 सिनर्जी की ओपीडी में दर्ज हुए हैं। गुरुवार तक 36 मरीज अलग-अलग अस्पतालों में स्वाइन फ्लू के मरीज भर्ती हैं। महंत इंदिरेश अस्पताल में भर्ती स्वाइन फ्लू के मरीज पटेलनगर के 81 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई। अब महंत इंदिरेश स्वाइन फ्लू से 23 लोगों की मौत हो चुकी है।

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मौसम के चेंज होने के बाद ही स्वाइन फ्लू का खतरा कम होता है। जब मौसम थोड़ा गर्म होगा, तब ही प्रकोप कम हो सकता है। नवंबर से लेकर मार्च-अप्रैल तक स्वाइन फ्लू के वायरस का असर ज्यादा होता है।

डा। एसके गुप्ता, सीएमओ, देहरादून

सीमित दुकानों में मिल रही दवा

स्वाइन फ्लू में जिस दवा को सबसे कारगर माना जाता है, वो ओसेल्टामिविर मेडिसिन दून के मेडिकल स्टोर्स पर अब भी आसानी से उपलब्ध नहीं हो पा रही है। केंद्र सरकार द्वारा शेड्यूल एक्स की सूची से हटाते हुए वर्तमान में एच1 में शामिल करने के बाद से दून में ओसेल्टामिविर को प्रदेश के औषधि नियंत्रक विभाग ने आसानी से उपलब्ध कराने को कहा है। दून के बाजार में ओसेल्टामिविर साल्ट की मेडिसन फ्लूविर, एंटीफ्लू और नेटफ्लू जैसे नाम से उपलब्ध है, लेकिन कोई भी दवा बिना डॉक्टर्स के प्रिस्क्रिप्शन के आधार पर ही दी जा सकती है। स्वाइन फ्लू की मेडिसिन दून के कुछ ही मेडिकल स्टोर पर मिल रही है, जिससे दवा की कालाबाजारी की आशंका भी बढ़ गई है।

अब तक की स्थिति

--गुरुवार को 20 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव

-स्वाइन फ्लू से पीडि़त मरीजों की संख्या 181

--अकेले 11 महंत इंदिरेश अस्पताल, 4 दून अस्पताल, 2 मैक्स, 1 सिनर्जी की ओपीडी में दर्ज

--गुरुवार तक 36 मरीज अलग-अलग अस्पतालों में स्वाइन फ्लू के भर्ती

-स्वाइन फ्लू से अब तक मृतकों की संख्या 26, अकेले महंत इंदिरेश अस्पताल में 23 मरीजों की मौत

- गुरुवार को महंत इंदिरेश अस्पताल में भर्ती पटेलनगर के 81 वर्षीय बुजुर्ग की मौत

Posted By: Inextlive