छठी वाहिनी पीएसी के 18 जवानों व एक अन्य में पुष्टि

- शासन ने तलब की रिपोर्ट, आज आएगी लखनऊ से टीम

Meerut । जिले में स्वाइन फ्लू बेकाबू हो गया है। शुक्रवार को तीन मरीजों की मौत और 19 लोगों में एक साथ स्वाइन फ्लू की पुष्टि के चलते स्वास्थ्य विभाग में कोहराम मच गया है। इन मरीजों में 18 मरीज छठीं वाहिनी पीएसी के हैं। मृतकों का आंकड़ा बढ़ने से लखनऊ तक खलबली मच गई है। शनिवार को तीन सदस्यीय टीम लखनऊ से मेरठ आ रही है। जिसमें दो ज्वाइंट डायरेक्टर व एक स्टेट इपिडिमेलॉजिलक विभाग के हेड शाि1मल हैं।

27 के सैंपल 18 में पुष्टि

गौरतलब है कि पीएसी छठीं बटालियन में बुधवार को दो लोगों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी। इसके बाद गुरुवार को स्वाइन फ्लू का अंदेशा होने पर 14 और जवानों को देर रात मेडिकल कॉलेज में एडमिट किया गया, जबकि शुक्रवार को अन्य जवानों में भी संदिग्ध लक्षण मिलने पर कुल 27 के सैंपल जांच के लिए भेजे गए। शुक्रवार शाम 18 जवानों में विभाग ने एन1एच1 इंफ्लूएंजा पॉजिटिव पाया। जबकि एक मरीज दौराला का है। सीएमएस डॉ। धीरज राज ने बताया कि मरीजों के ब्लड प्रेशर, सांस, बुखार एवं अन्य मानकों की लगातार जांच की जा रही है। इसके अलावा सभी को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। वही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पीएसी पहुंचकर वहां मौजूद सभी 441 जवानों को टेमीफ्लू उपलब्ध करवाई।

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तीन मरीजों की मौत

स्वाइन फ्लू के चलते शुक्रवार को तीन मरीजों की मौत भी हो गई। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक मरने वाले में दो मरीज 60 साल के हैं जबकि एक मरीज 26 साल की थी। इसमें एक मरीज टीबी से पीडि़त थी। 2020 में अब तक स्वाइन फ्लू से 9 मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि 71 मरीजों में पुष्टि हो चुकी है। 2019 में मरीजों का आंकड़ा 399 था, जबकि 2018 में 24 मरीजों में स्वाइन फ्लू पाया गया था। जबकि 2017 में 395 मरीजों में इसकी पुष्टि हुई थी।

गाइडलाइन की जानकारी दी

शहर के प्राइवेट अस्पतालों व नर्सिंग होम में स्वाइन फ्लू की गाइडलाइन को लेकर बरती जा रही लापरवाही के चलते शुक्रवार को बैठक हुई। इस दौरान आईएमए के पदाधिकारी व नर्सिग होम एसोसिएशन के पदाधिकारी व अन्य अस्पताल संचालकों स्वाइन फ्लू से बचाव, इंफेक्शन प्रिवेंशन, आइसोलेशन समेत अन्य गाइडलाइन के बारे में जानकारी दी। सभी को अस्पतालों में हर प्रकार की सुविधा रखने के निर्देश दिये गए। आईएमए के सचिव डॉ। अनिल नौसरान ने कहा कि सभी प्राइवेट अस्पतालों को गाइडलाइन के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। वहीं ये भी कहा कि जिन प्राइवेट अस्पतालों में आईसोलेशन की व्यवस्था नहीं हैं वह स्वाइन फ्लू के मरीजों को तुरंत की हायर सेंटर जैसे मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दें।

सरकारी लैब में होगी पुष्टि

स्वाइन फ्लू के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी प्राइवेट लैब्स को भी सचेत कर दिया है। सीएमओ डॉ। राजकुमार ने बताया कि प्राइवेट डॉक्टर या प्राइवेट लैब मरीज में स्वाइन फ्लू की पुष्टि नहीं कर सकते हैं। मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबॉयलॉजी लैब मे जांच के बाद ही स्वाइन फ्लू की पुष्ि1ट होगी।

मेडिकल में 40 बेड रिजर्व

जिले में स्वाइन फ्लू का आउट ब्रेक होने के बाद स्वास्थ्य विभाग के हाथ-पांव भी फूल गए हैं। बिगड़ती स्थिति से निपटने के लिए कई निजी अस्पतालों को आइसोलेशन वार्ड बनाने के निर्देश विभाग ने दिए हैं। जबकि मेडिकल कालेज में 40 बेड का अतिरिक्त आइसोलेशन वार्ड बनाने के लिए कहा गया है। शुक्रवार को मंडलीय टीम ने मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण भी किया।

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इनका है कहना

स्वाइन फ्लू के मामले बढ़ रहे हैं। इमरजेंसी की स्थिति से निपटने के लिए विभाग तैयार है। शनिवार को लखनऊ की टीम भी आ रही है।

डॉ.राजकुमार, सीएमओ, मेरठ।

Posted By: Inextlive