सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद अचानक अघोषित रूप से रूस पहुंचे और उन्होंने अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात कर हवाई हमलों को लेकर आभार जताया है। दोनों नेताओं की मंगलवार शाम को हुई मुलाकात की भनक दुनिया को बुधवार की सुबह तब लगी जब क्रेमलिन ने असद के मॉस्को पहुंचने की जानकारी दी। हालांकि यह नहीं बताया गया है कि असद अभी भी मॉस्को में हैं या नहीं।

हवाई हमले जारी रखने और संकट के राजनीतिक समाधान पर हुई चर्चा
आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) और विद्रोही संगठनों की चुनौतियों से जूझ रहे असद को रूसी हवाई हमलों की शुरुआत के बाद बड़ी राहत मिली है। 30 सितंबर को रूस ने सीरिया में हवाई हमले शुरू किए थे। पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखने और सीरियाई संकट के राजनीतिक समाधान पर चर्चा हुई। पेस्कोव ने बताया कि पुतिन ने तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यप एरदोगेन को फोन कर असद के साथ हुई बातचीत के बारे में बताया है।
गृहयुद्ध की शुरुआत के बाद सीरियाई राष्ट्रपति का पहला विदेश दौरा
सीरिया में मार्च 2011 में गृहयुद्ध की शुरुआत के बाद असद का यह पहला विदेशी दौरा है। रूस का आखिरी दौरा उन्होंने 2008 में किया था। रूस के अलावा ईरान भी असद का समर्थन करता रहा है। लेकिन, तेहरान से पहले असद का मॉस्को पहुंचना इस क्षेत्र में रूस के बढ़ते दबदबे के तौर पर भी देखा जा रहा है। गौरतलब है कि सीरिया में 2011 से जारी हिंसा में अब तक ढाई लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और लाखों लोग देश छोडक़र भाग चुके हैं।

इराक ने अमेरिका को मदद ना मांगने का भरोसा दिलाया
इस बीच इराकी प्रधानमंत्री हैदर अल आब्दी ने अमेरिका को आइएस के खिलाफ लड़ाई में रूस से मदद नहीं मांगने का भरोसा दिया है। अमेरिका की ओर हवाई हमलों में तेजी लाने की घोषणा के बाद आब्दी ने यह आश्वासन दिया है। इराकी प्रधानमंत्री पर गठबंधन सरकार के सहयोगियों और शक्तिशाली शिया मिलिशया की ओर से रूस से तत्काल मदद मांगने को लेकर दबाव है। एक वरिष्ठ शिया राजनेता के अनुसार आब्दी रूस से मदद मांगकर अमेरिका के साथ संबंध बिगाडऩे के पक्ष में नहीं है।  
अमेरिका-रूस में हुआ करार
वहीं दूसरी ओर सीरिया के आसमान में किसी भी तरह के टकराव को टालने के लिए अमेरिका और रूस ने समझौता किया है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के प्रवक्ता पीटर कुक ने बताया कि रूस के अनुरोध पर समझौते के मुख्य हिस्सों को गुप्त रखा गया है। उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर दोनों तरफ से संवाद और हॉटलाइन स्थापित करने पर सहमति बनी है। हालांकि दोनों देश अपने-अपने लक्ष्यों की खुफिया जानकारी साझा नहीं करेंगे।

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Posted By: Molly Seth