- पिछले दो सालों में कई प्रतियोगी परीक्षाओं का पेपर

LUCKNOW: पिछले दो सालों में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की पेपर आउट होने की बाढ़ सी आई गई है। हर दूसरे या तीसरे महीने किसी न किसी प्रतियोगी परीक्षा के पेपर आउट होने का मामला सामने आता है। चाहे पीसीएस, सीपीएमटी, एआईपीएमटी, पॉलीटेक्निक की परीक्षाओं ने माफिया ने हर परीक्षा में पास कराने का ठेका उठाने के साथ पूरी व्यवस्था को ही ध्वस्त कर दिया है। इनकी पहुंच इस लेवल पर है कि यह बड़ी आसानी से किसी भी सेंटर्स से पेपर आउट कराकर उसे मार्केट में बेच रहें हैं। आई डालते है नजर अभी तक आउट हुए पेपर पर

1. पीसीएस का पेपर आउट

29 मार्च, 2015

पीसीएस का पेपर आउट

सुबह नौ बजे परीक्षा शुरू होने से ठीक पहले पेपर बाजार में आ गया। पेपर लीक होने के बाद इस रद्द कर दिया गया। पेपर राजधानी के ही आलमबाग के आदर्श भारतीय विद्यालय (एबीवी) से आउट हुआ था। ये पेपर लीक सेंटर्स मैनेजर के बेटे ने ही किया था। पेपर को पांच-पांच लाख रुपये में बेचा गया था।

13 जुलाई, 2014

- रेलवे का पेपर लीक

लखनऊ में रेलवे भर्ती बोर्ड का पेपर परीक्षा से लगभग एक घंटे पहले लीक हो गया था। इसके बाद यूपी में आनन-फानन में इस परीक्षा को रद कर दिया गया, जबकि बाकी जगहों पर यह पेपर आयोजित कराया गया था। लखनऊ एसटीएफ ने पेपर लीक करने के मामले में दो लोगों को भी गिरफ्तार किया था। यह परीक्षा पश्चिम बंगाल में लोको पायलट के लिए आयोजित की गई थी। परीक्षा शुरू होने से एक घंटे पहले पेपर लीक हो गया। इस पेपर को लेकर कराने के लिए गिरोह ने हाईटेक उपकरणों का सहारा लिया था। आलम यह कि पकड़े गए कैडीडेट्स के बालों में ब्लू टूथ मिले थे। जिससे उन्हें आसंर की मुहैया कराई गई थी।

1 जून, 2015

एकेटीयू सेमेस्टर एग्जाम

एकेटीयू के बीटेक सेकेंड सेमेस्टर के अनिवार्य विषय प्रोफेशनल कम्यूनिकेशन का पेपर लीक हुआ। सुबह साढ़े नौ बजे से शुरू होना था। पेपर शुरू होने से पहले ही लीक पेपर को यूनिवर्सिटी वाइस चांसलर प्रो। ओंकार सिंह के पास ईमेल के माध्यम से भेजा गया। जिसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने लीक पेपर के स्थान पर दूसरे सेट का पेपर सभी एग्जाम सेंटर्स पर मुहैया कराया गया। इससे पहले बीते शुक्रवार को आयोजित हुए बीटेक सेकेंड सेमेस्टर के इंजीनियरिंग फिजिक्स का पेपर आउट होने का मामला प्रकाश में आया था। हालांकि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस पूरे मामले को अफवाह बताते हुए इसे अपना पल्ला झाड़ लिया था। मामले में यूनिवर्सिटी ने पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के साथ तीन सदस्यीय जांच टीम बना दी है।

25 मई, 2015

- सीपीएमटी का पेपर लीक

मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए होने वाले कॉमन प्री मेडिकल टेस्ट सीपीएमटी को पेपर भी 25 मई 2015 को लीक हो गया था। मामले में एसटीफ ने पेपर सॉल्व कर सर्कुलेट करने की कोशिश कर रहे 12 लोगों को अरेस्ट किया था। पेपर सॉल्व करने वाले गैंग में पकड़े गए लोगों में केजीएमयू से फाइनल इयर की पढ़ाई करने वाले मेडिकोज भी शामिल थे। इसके अलावा, कानपुर मेडिकल कॉलेज के डॉ। अंशुमान मिश्रा भी इस गैंग के साथ पकड़े गए थे। इस गैंग ने पेपर लीक कराकर इसे 15 लाख रुपए में बेचने का सौदा किया था। मामले की जांच एसटीएफ के पास है।

16 मई, 2016

-150 रुपये में बिका पॉलीटेक्निक पेपर

पॉलीटेक्निक फ‌र्स्ट इयर पेपर 16 मई 2016 फ्राइडे को परीक्षा शुरू होने से पहले ही व्हाट्सएप पर वायरल हो गया। परीक्षा दूसरी पाली में दोपहर ढाई बजे से शुरू होनी थी। लोगों के मोबाइल पर एप्लाइड फिजिक्स के पेपर का सेट नंबर ए-थ्री था। ये पेपर 150 से 300 रुपये में हर छात्र को बांटा गया है। प्राविधिक शिक्षा परिषद के अधिकारियों ने जांच के बाद प्रदेश के सभी सेंटर्स पर परीक्षा रद कर दी। इस मामले में प्राविधिक शिक्षा परिषद के दो दर्जन अधिकारियों पर कार्रवाई की गई थी।

5 मई, 2016

ग्राम विकास अधिकारी परीक्षा का पर्चा आउट

उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से पांच मई 2016 को आयोजित ग्राम विकास अधिकारी सामान्य चयन लिखित परीक्षा का पर्चा आउट हो गया था। रायबरेली में एक सेंटर पास से मोबाइल बरामद किए। साथ ही सेंटर के बाहर से पुलिस ने तीन लोगों को उत्तर पुस्तिका के साथ पकड़ा। पकड़े गए युवकों में इलाहाबाद, प्रतापगढ़ और उन्नाव के लोग शामिल हैं। यह लोग पचास हजार रुपए में उत्तर पुस्तिका बेच रहे थे।

Posted By: Inextlive