- मेडिकल के ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट की स्टडी में खुलासा, यूरिक एसिड से ज्यादा टर्सल टनल सिंड्रोम का पैरों पर प्रभाव

- नर्व कंप्रेशन से पैर के एंकल में प्रॉब्लम, पैरों में तेज दर्द के साथ होती है झनझनाहट, चलने के दौरान बढ़ती हप्रॉब्लम

KANPUR: एंकल में अचानक या बैठे बैठे तेज दर्द होने या झनझनाहट होने पर अक्सर डॉक्टर्स यूरिक एसिड को लेवल जरूर चेक कराते हैं। डायबिटीज के पेशेंट्स में इस तरह के सिम्पटम्स होने पर डायबिटीज न्यूरोपैथी की प्रॉब्लम आती है, लेकिन एक ताजा स्टडी में इसकी वजह टर्सल टनल सिंड्रोम को पाया गया। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट में डॉक्टर्स की स्टडी में टर्सन टनल सिंड्रोम को लेकर कई अहम जानकारियां सामने आई हैं। यूरिक एसिड से ज्यादा टखने यानी एंकल में दर्द की बड़ी वजह यही सिंड्रोम हाेता है।

कैसे हुई स्टडी

आर्थोपेडिक ओपीडी में एंकल में पेन की प्रॉब्लम के साथ आए 200 पेशेंट्स का डाटा जुटाया गया। कंसल्टेशन के दौरान उनकी यूरिक एसिड और एक्सरे जांच कराई गई। कुछ पेशेंट्स की नर्व कंडक्शन स्टडी और इलेक्ट्रोमायोग्राफी भी कराई गई.इसमें 23 परसेंट पेशेंट्स में टर्सल टनल सिंड्रोम की प्रॉब्लम मिली। यह सिंड्रोम जिन पेशेंट में मिला वह ओवरवेट भी थे।

क्या है टर्सल टनल सिंड्रोम

यह टखने में कंप्रेशन न्यूरोपैथी की तरह है। एंकल के अंदरूनी हिस्से में मोटे लिगामेंट के अंदर से टिबियल नर्व आती है। इस नर्व के कंप्रेशन को ही टर्सल टनल सिंड्रोम कहा जाता है। यह सिंड्रोम नर्व में कंप्रेशन की वजह से हाेता है।

किन्हें टीटी सिड्रोंम की ज्यादा संभावना-

- जिनका पैर फ्लैट होता है। क्योंकि ऐसा होने से नर्व पर स्ट्रेन बढ़ता है।

- ओबेसिटी की प्रॉब्लम होने पर पैरों की नर्व पर प्रभाव बढ़ता है। जिससे वेरीकोज वेन,गैंगलोइन सिस्ट, अर्थरिटिक बोन स्पर जैसी प्रॉब्लम होती है

- एंकल में चोट लगने की वजह से

- आर्थराइटिस की वजह से जिससे पैरों में कई बार स्वैलिंग भी आ जाती है।

---------

यह प्रमुख लक्षण-

पैरों में झनझनाहट, चुभन होना, अचानक तेज दर्द होना, चाल में लड़खड़ाहट, पैरों में अचानक झटका लगना

-------

यूरिक एसिड बढ़ने या फिर डायबिटीज न्यूरोपैथी जैसे ही लक्षण इस सिंड्रोम में भी होते हैं। ऐसे में कई बार इसे पहचानने में देरी होती है। इसकी वजह से चलने में लड़खड़ाहट के साथ कई दूसरी प्रॉब्लम्स भी हो सकती हैं। इसे मेडिकेशन और सर्जरी दोनों तरह से ठीक किया जा सकता है।

- डॉ.फहीम अंसारी, असिस्टेंट प्रोफेसर,आर्थोपेडिक डिपार्टमेंट, जीएसवीएम मेडिकल कालेज

Posted By: Inextlive