इराक के रहने वाले हजारों लोगों की तरह 12 साल की नेजला ईमाद भी जब महज तीन साल की थी तभी आतंकी हमले में हुए कार बम धमाके का शिकार हुई और उसके सीधे पैर का काफी हिस्‍सा और सीघा हाथ आधे से ज्‍यादा साथ ही बायें पैर का भी कुछ हिस्‍सा क्षतिग्रस्‍त हो गया। पर उसने हार नहीं मानी और चार साल की उम्र से ही टेबिल टेनिस खेलना शुरू कर दिया। अब वो कई पदक जीत कर पैरालिंपिक में सबसे चमकदार सितारा है।

मिलिए हिम्मत वाली नेजला से
इराक की मासूम नेजला ईमाद तीन साल की थी जब बम हादसे की शिकार हुई और उसके दोनों पैर, एक हाथ को भारी नुकसान हुआ। पर अपनी इच्छा शक्ति के बल  पर अब वो है टेबल टेनिस स्टार और जुटी है पैरालिंपिक की तैयारी में और उसका सपना अब अपने देश के लिए स्वर्ण पदक जीतना है।
क्या हुआ था नेजला के साथ
नेजला ईमाद महज 3 साल की थी जब उसके साथ हादसा। वो परिवार के साथ इराक की राजधानी बगदाद के पास से गुजर रही थी जब एक बम उनकी कार पर आ गिरा। इस हमले में उसका महज एक हाथ ही बच पाया। लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और केवल सालभर बाद ही चार साल की उम्र में टेबल टेनिस का रैकेट थाम लिया और बढ़ गयी खेल की दुनिया का चमकता सितारा बनने की राह पर। 

नेजला दी चैम्पियन
अब नेजला ईमाद इराक की अंडर-16 चैम्पियन है। वो इस साल अगस्त में होने वाले रियो पैरालिंपिक की तैयारी में जुटी हैं। नेजला का कहना है कि टेनिस ने उसे जिंदगी के प्रति सकारात्मक सोच रखने का हौसला दिया है। उन्हें लगता है कि हर दिन इस खेल के साथ उसका आत्म विश्वास बढ़ता जाता है। उन्हें लोगों से भी अपने प्रति सहानुभूति रवैया मिला जिससे उन्हें कर दिखाने की प्रेरणा मिली।
और भी नेजला जैसी
इस तरह के हौंसले के साथ जीने वाली नेजला अकेली नहीं हैं बकुबा में जहां वे हफ्ते में तीन बार जाकर ट्रेनिंग करती हैं वहां में उनके जैसी चार और लड़कियां टेनिस सीख रही थीं। बगदाद में भी उन्हें ऐसे लोग मिलते हैं। नेजला के कोच ने बताया कि वो लोकल लेवल पर कई मेडल जीत चुकी है। इस वजह से ही नेशनल पैरालिंपिक कमेटी का ध्यान उसकी ओर गया।

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Posted By: Molly Seth