किरायेदार, नौकर व ड्राइवर का वेरिफिकेशन क्यों नहीं करवाते लोग

- मासूम ताहिरा किडनैपिंग में एक बार फिर ड्राइवर ने ही दिया धोखा

- 'अपनों के कनेक्शन' का हर बार उठता है मामला, आगे नहीं होता काम

PATNA : फिर विश्वास का खून हुआ। इस बार ड्राइवर ने किया, मगर इसके लिए हम कितने जिम्मेदार हैं अब यह सोचने का समय आ गया है। हर बार हम चूक जाते हैं। कभी नौकर तो कभी किरायेदार तो कभी ड्राइवर परेशानी में डाल जाता है, लेकिन कई वारदात होने के बाद हम नहीं चेते। इन लोगों का डिटेल थाने में जमा नहीं किया और नहीं पुलिस वेरिफिकेशन हो सका। हर बार वेरिफिकेशन की बात तब उठती है, जब कोई बड़ी वारदात हो जाती है। पब्लिक भी इसके लिए कम दोषी नहीं।

थोड़ी सी सावधानी जिंदगी भर आसानी

जी हां, बस थोड़ी सी सावधानी रखने की जरूरत है। अगर आपके ड्राइवर, नौकर या फिर किरायेदार की पूरी डिटेल थाने में हो और पुलिस ने उसका वेरिफिकेशन कर रखा हो, तो शायद आपको बुरा दिन नहीं देखना पड़े। वेरिफिकेशन के दौरान यह भी पता चल जाएगा वह व्यक्ति किस प्रवृति का है या फिर उसपर कोई केस तो नहीं। पुलिस ऑफिसर्स भी इसे लेकर सीरियस नहीं रहते कई बार वेरिफिकेशन की बात सिर्फ बयानों में ही दबकर रह जाती है।

कई तरीके लगे, मगर नहीं हो सका

पुलिस की ओर से वेरिफिकेशन की कई बार घोषणा की गई, मगर वह कामयाब नहीं हो सका। कई बार तो काम शुरू भी हुआ मगर फिर कुछ दिनों बाद रुक गया। यहां तक कि वेरिफिकेशन के लिए एक एजेंसी को भी हायर करने की बात पटना के सीनियर एसपी द्वारा की गई थी, मगर यह मामला भी अभी अधर में है। पाटलिपुत्रा कॉलोनी से रिटायर्ड आईएएस की पोती ताहिरा की किडनैपिंग के बाद यह मामला एक बार फिर से उठा है। हो सकता है इस बार हम सतर्क हो जाये और भी इसे सीरियसली लें। हालाकि ताहिरा के सकुशल बरामद होने के पुलिस के परेशानी थोड़ी जरुर दूर हुई है।

Posted By: Inextlive