-कोरोनावायरस के प्रकोप के बाद केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने लिया निर्णय, राज्यमंत्री ने ट्विट कर दी जानकारी

-31 मार्च तक बंद रहेंगे आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के सभी मॉन्यूमेंट्स

आगरा: चाइना से जन्मे कोरोनावायरस के कहर से विश्वभर में सनसनी है। अमेरिका समेत कई देशों ने आपातकाल घोषित कर दिया है, वहीं भारत ने भी ऐतियातन बड़े कदम उठाए हैं। कोरोनावायरस संक्रमण की आशंका को देखते हुए सोमवार रात संस्कृति मंत्रालय ने ताजमहल समेत देश के सभी मॉन्यूमेंट्स को 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है।

आज से 31 तक ताला बंद

केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने एक ट्विट कर एहतियातन ताजमहल समेत देशभर के सभी स्मारकों और संग्रहालयों को 31 मार्च तक के लिए बंद करने की जानकारी दी है। इस आदेश के अनुपालन में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा संरक्षित स्मारक और संग्रहालय मंगलवार से नहीं खुलेंगे। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से तत्परता एवं सावधानी बरतने की अपेक्षा जताई।

---

केंद्रीय राज्यमंत्री के निर्देशों पर एहतियातन ताजमहल समेत सभी स्मारकों और संग्रहालयों को 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है।

-वसंत कुमार स्वर्णकार, अधीक्षण पुरातत्वविद्, आगरा

---

49 वर्षो में तीसरी बार बंद होगा होगा ताज

-1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान 15 दिन बंद रहा था ताज

-1978 में सितंबर में यमुना में आई बाढ़ के दौरान भी बंद रहा था ताज

आगरा: गत 49 वर्षो में यह तीसरा मौका है, जब ताजमहल बंद किया गया है। इससे पूर्व 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान यह करीब 15 दिन बंद रहा था। 1978 की बाढ़ में ताजमहल सात दिन बंद रहा था।

पूर्व में दो बार रहा बंद

सोमवार को केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के निर्देशों के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने ऐहतियातन ताजमहल समेत देशभर के स्मारकों व संग्रहालयों को बंद करने का निर्णय लिया। 17 से 31 मार्च तक ताज समेत अन्य स्मारक 15 दिन के लिए बंद रहेंगे। इससे पूर्व ताज 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान हवाई हमलों की आशंका को देखते हुए पर्यटकों के लिए चार दिसंबर से 18 दिसंबर तक बंद रहा था। सितंबर, 1978 में सितंबर में यमुना में आई बाढ़ के दौरान भी ताजमहल सात दिन बंद रहा था।

ताकि न हो सके हवाई हमला

वर्ष 1971 में ताज के संरक्षण सहायक रहे (एएसआई से सेवानिवृत्त हो चुके) एसके शर्मा बताते हैं कि ताज यमुना किनारा पर होने की वजह से बड़ी बिल्डिंग के रूप में हवाई जहाज से नजर आता था। पाकिस्तान के जहाज इसके आधार पर एयरफोर्स की दूरी का आकलन नहीं कर सकें, इसके लिए ताज को कवर से ढक दिया गया था। 4 दिसंबर से 16 दिसंबर तक युद्ध हुआ था। इसके बाद दो दिन साफ-सफाई किए जाने से पर्यटकों को प्रवेश नहीं दिया गया था। तब पेड़ों की टहनियों से ताजमहल परिसर को घने जंगल का रूप दिया गया था, जिससे कि किसी को पता नहीं चले। उस समय अन्य स्मारक खुले रहे थे।

फिर 7 दिन तक करा बंद

ताजमहल के संरक्षण सहायक रहे (सेवानिवृत्त हो चुके) आरके दीक्षित बताते हैं कि वर्ष 1974 में ताज में उनकी तैनाती हुई थी। वर्ष 1978 में यमुना में बाढ़ आई थी, तब वो स्मारक में केयरटेकर के पद पर तैनात थे। उस समय ताजमहल की यमुना किनारा बनी कोठरियों में पानी भर गया था। शहरवासी ताज से यमुना में पानी को देखा करते थे। तब ताजमहल को सात दिन बंद किया गया था। 49 वर्ष 1971 में ताजमहल को पहली बार 15 दिन के लिए बंद किया गया था। यह संयोग ही कहा जाएगा कि 49 वर्ष बाद जब ताज को कोरोना वायरस के लिए बंद किया गया है, तब भी वो 15 दिन बंद रहेगा।

Posted By: Inextlive