- अबकी बार सौगातें बेशुमार, पर ताजनगरी का उद्योग रहा हताश

- जूता, फाउंड्री व रिटेल सेक्टर की उम्मीदों पर नहीं उतरा खरा

आगरा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को बजट पेश किया, जिसमें सौगातें बेशुमार रहीं। हर वर्ग का विशेष ध्यान रखा गया। रियल एस्टेट में जान फूंकने वाला साबित हो सकता है। बजट के नजरिए से आगरा की बात की जाए तो यहां के उद्योग को कुछ भी नहीं मिला। बजट में युवा, महिलाओं व असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए घोषणाएं हुई हैं। वहीं, पेट्रोल-डीजल पर सैस व सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने से हर वर्ग प्रभावित जरूर होगा। व्यापारी से लेकर आम आदमी बजट को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं दिखाई दिया, लेकिन विशेषज्ञों की नजर में यह एक मजबूत और आने वाले भारत की नई तस्वीर का रोडमैप बनाने वाला बजट है।

हर उद्योग को मिली हताशा

आगरा में जूता का बढ़ा मार्केट है, लेकिन बजट की गहराइयों में झांकने पर आगरा के जूता ही नहीं बल्कि फाउंड्री, लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यमी बजट से हताशा हैं। इसमें विजन 2024 जरूर बताया गया, लेकिन उसके दायरे से आगरा समेत बृज क्षेत्र के उद्योग कमोबेश बाहर ही रहे।

25 हजार करोड़ का है जूता उद्योग

जिले का जूता उद्योग करीब 25 हजार करोड़ का है। दस हजार करोड़ विदेशी एवं 15 हजार करोड़ का स्थानीय बाजार है। देश की 65 फीसद आबादी ताजनगरी का बना जूता पहनती है। पांच लाख से ज्यादा लोग प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर उद्योग से जुड़े हैं। शहर के जूता उद्योग को बढ़ाने या कोई विशेष लाभ या प्रोत्साहन योजना पेश नहीं की। हालांकि असंगठित क्षेत्र में ईपीएफ का लाभ, श्रमिक पेंशन व बोनस के प्रावधान से श्रमिकों को सीधे लाभ मिलेगा। 250 करोड़ के बजाय अब 400 करोड़ का टर्नओवर करने वाली कंपनी को 25 फीसद कारपोरेट के दायरे में लाने से उद्यमियों को जरूर लाभ मिलने की उम्मीद जताई जा रही है पर एक करोड़ या उससे अधिक की निकासी पर दो फीसद टीडीएस लगाने के कदम को उद्यमी अपने उपर बोझ मान रहे है।

फाउंड्री उद्योग और जेनरेटर

पर्यावरण मंत्रालय की लगी रोक हटे तो आगरा का विकास हो। जिले में फाउंड्री और कंपोनेंट की करीब 250 से ज्यादा इकाइयां हैं। हालांकि इंडस्ट्री टीटीजेड और व्हाइट कैटेगरी में शहर आने के बाद से ऑक्सीजन पर है। तीन हजार करोड़ का व्यापार है। लेकिन पिछले दिनों हुए परिवर्तन से थोड़ा सुधार आया है। लेकिन बजट में इस इंडस्ड्री को प्रोत्साहन देने के लिए कोई खास पैकेज नहीं। हालांकि एमएसएमई सेक्टर को बढ़ाने की इच्छा जरूर है। वहीं मुद्रा, स्टार्टअप व मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिले, तो इंडस्ट्री को बढ़ावा मिल सकता है।

दुकानदारों को मिलेगी पेंशन

आगरा प्रमुख रूप से रिटेल का बड़ा बाजार है। कपड़े और अन्य सामान के लिए बृज व आसपास के जिलों से यहां छोटे व्यापारी सामान खरीदने आते हैं। व्यापार करीब दो हजार करोड़ का है। बजट में इसी सेक्टर को सबसे ज्यादा लाभ मिला है। पांच लाख तक की आय टैक्स फ्री होने और अब तीन करोड़ दुकानदारों को पेंशन का लाभ मिलने, ब्याज पर छूट मिलने का सबसे ज्यादा लाभ इसी सेक्टर को मिलेगा।

किराएदारों को मिल सकेगा घर

बजट में ब्याज भुगतान पर टैक्स में दो लाख रुपये तक की छूट दी जाती थी, लेकिन अब 31 मार्च 2020 तक लिए गए लोन पर चुकाए जाने वाले ब्याज पर टैक्स में 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त छूट मिलेगी। यानी, 45 लाख रुपये तक की कीमत वाले अफोर्डेबल हाउस खरीदने के लिए लोन लेने वालों को 3.5 लाख रुपये तक के ब्याज पर टैक्स छूट दी जाएगी। 15 साल के लोन पीरियड में घर खरीदार को अब 7 लाख रुपये का लाभ होगा। बैंक अधिकारियों व रियल एस्टेट कारोबारियों के अनुसार आगरा में करीब पांच लाख लोग किराए का मकान लेकर रहते है। ऐसे में अधिकांश किराएदार इस योजना का लाभ लेकर अपना मकान बना सकते है, लेकिन उनका क्या होगा जो 45 लाख का बजट नहीं रखते। छोटे मकान खरीदने वाले लोगों के लिए भी बजट में छूट का प्रावधान किया जाता तो और भी बेहतर होता।

छोटे से लेकर बड़ा व्यक्ति होगा प्रभावित

पेट्रोल-डीजल पर 1 रुपये सेस बढ़ाया गया। आगरा में 189 पेटोल पंप है, जहां से औसतन रोज पांच लाख वाहन, पांच हजार उद्यमी व व्यापारी जनरेटर के लिए, एक लाख से अधिक किसान ट्रैक्टर व जनरेटर के लिए डीजल लेते हैं। सेस लगने से उन्हें अब एक रुपये अधिक भुगतान करना होगा। इससे समाज का हर व्यक्ति प्रभावित होगा। सोना व अन्य बहुमूल्य धातुओं पर कस्टम ड्यूटी 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया। ऐसे में आगरा के सात हजार से अधिक ज्वेलर्स पर इसका असर पडे़गा। बसों का किराया बढ़ने की उम्मीद भी की जा रही है।

केंद्र ने बजट में सभी वर्गो का ध्यान रखा गया है। गरीबों के केंद्र व प्रदेश सरकार आवास उपलब्ध करा ही रही है। इसके साथ ही 45 लाख के फ्लैट पर भी ब्याज में डेढ़ लाख की अतिरिक्त राहत दी है, जो कि काफी राहत भरा है।

कुंवर शैलराज सिंह

एडवोकेट

मध्य वर्गीय लोगों के लिए यह बजट राहत वाला नहीं है। पेट्रोल और डीजल के मूल्यों पर सेस बढ़ाए जाने से मध्य वर्गीय लोग ज्यादा प्रभावित होंगे।

भगत सिंह राका

बजट में सभी वर्गो का ध्यान रखा गया है, लेकिन अधिवक्ताओं का नहीं है। अधिवक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा से लेकर उनके आयुष्मान योजना में अधिवक्ताओं को रखा जाना चाहिए था।

टीपी चौहान

अध्यक्ष, बार एसोसिएशन

बजट दूरगामी और काफी अच्छा है। इस बजट में सभी वर्ग और उद्योगों को बढ़ावा दिए जाने की व्यवस्था की है। मध्य वर्गीय लोगों का भी विशेष ध्यान रखा गया है।

रवि कुमार चौबे

पेट्रोल-डीजल पर सैस लगाने से निश्चित तौर पर किराए से लेकर अन्य ट्रांसपोर्टेशन पर वृद्धि होगी। इससे हर व्यक्ति इससे प्रभावित होगा।

एसपीएस राना

एडवोकेट

युवाओं को रोजगार कितना मिलेगा। यह प्रमुख विषय है। बजट में मध्यवर्गीय के लिए ज्यादा कुछ नहीं है। शिक्षा, स्वास्थ्य हमारी प्रमुख आवश्यकताएं हैं।

गिरीश कटारा

Posted By: Inextlive