अफगानिस्तान में नियंत्रण के बाद तालिबान ने मंगलवार को काबुल में अपनी पहली आधिकारिक न्यूज कांफ्रेंस की। तालिबान ने कहा कि वे दूसरे देशों के साथ शांतिपूर्ण रिश्ते चाहते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि इस्लामिक कानून के तहत महिला अधिकारों का सम्मान करेंगे।


काबुल (राॅयटर्स)। तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबिहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि वे देश के भीतर या बाहर दुश्मन नहीं चाहते हैं। मुजाहिद ने कहा कि महिलाओं को काम करने तथा पढ़ने की इजाजत होगी। वे समाज में पूरी तरह सक्रिय रह सकती हैं लेकिन यह सब इस्लामिक कानून के दायरे में होगा। इस बीच पहले अफगान उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने कहा कि वे देश में ही हैं तथा खुद को कार्यवाहक राष्ट्रपति करार दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि वे नये शासकों के सामने नहीं झुकेंगे।तालिबान के डर से काबुल छोड़ने वालों की भीड़
तालिबान की न्यूज कांफ्रेंस से एक दिन पहले ही अमेरिका तथा पश्चिमी गठबंधन अपने नागरिकों तथा राजनयिकों को निकालने में जुटे थे। इस दौरान काबुल एयरपोर्ट पर स्थानीय नागरिकों की भारी भीड़ जमा हो गई थी। अफगान नागरिक देश में तालिबान के कब्जे के बाद किसी भी तरह वहां से बाहर निकल जाना चाहते थे। इस अफरा-तफरी में कुछ लोगों की मौत भी हो गई। इस बीच नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि तालिबान को उन लोगों को इजाजत देनी चाहिए जो देश छोड़ना चाहते हैं।पिछले वर्ष तालिबान के साथ अमेरिकी समझौता


अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान छोड़ने के बीच काबुल एयरपोर्ट की अफरा-तफरी की तस्वीरों के सामने आने के बाद दुनिया भर में अमेरिका की आलोचना हो रही है। जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टीनमीयर ने कहा कि काबुल एयरपोर्ट की ये विचलित कर देने वाली तस्वीरें पश्चिमी राजनीति के लिए शर्म की बात है। पिछले वर्ष अमेरिकी सेना के वापसी के समझौते में तालिबान ने हमला न करने पर सहमति दी थी।काबुल एयरपोर्ट अमेरिकी सेना के हवाले, उड़ान फिर शुरूअमेरिकी सेना ने राजनयिकों तथा नागरिकों को अफगानिस्तान से बाहर निकालने के लिए मंगलवार को फिर से उड़ानें शुरू कर दी हैं। काबुल एयरपोर्ट के रनवे को खाली कराने के बाद उड़ानें दोबारा शुरू हो गई हैं। दरअसल काबुल में तालिबान के कब्जे के बाद लोग उनके डर से बाहर जाने के लिए एयरपोर्ट पर हजारों की संख्या में जमा हो गए थे। अमेरिकी सेना ने एयरपोर्ट की सुरक्षा का जिम्मा संभाल लिया है।

Posted By: Satyendra Kumar Singh