- एनएमआरसी के डायरेक्टर एवं कुलपति दीक्षांत में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे

- देश में एक फिर से फूड रेवोल्यूशन लाने को कहा

Meerut : 2050 तक देश की आबादी चीन को पीछे छोड़ 174 करोड़ हो जाएगी। बढ़ती आबादी और खेती के लिए कम होती जमीन में खाद्यान निर्भरता और कृषि क्षेत्र की दशा सुधारने के लिए हमें आधुनिक तरीके से तकनीकी आधारित वैज्ञानिक खेती को बढ़ावा देना होगा। सरदार वल्लभभाई पटेल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि डॉ। अनिल कुमार श्रीवास्तव ने इस बारे में खुलकर अपनी बात सामने रखी।

होगी एक बड़ी चुनौती

नेशनल मिल्क रिसर्च सेंटर करनाल के डायरेक्टर और कुलपति डॉ। अनिल कुमार श्रीवास्तव ने समारोह में कहा कि बढ़ती आबादी को देखते हुए आने वाले समय में सभी को भोजन देना एक बड़ी चुनौती है। देश में शुरुआती समय में खाद्यान की कमी का जिक्र करते हुए कहा कि आज भारत इतना अनाज उत्पादन कर रहा है, कि वह विश्व को निर्यात कर रहा है, साथ ही देश में खाद्यान सुरक्षा बिल के लिए भी तैयार है। उन्होंने कहा कि आज भले ही कृषि का देश की जीडीपी में उतना योगदान नहीं है। भारत चाहे जिस क्षेत्र में भी तरक्की कर ले। कृषि की उन्नति किए वह आगे नहीं बढ़ सकता है।

कम हो रही एग्रीकल्चर लैंड

उन्होंने कहा आज देश में 257 मिलियन टन अनाज का उत्पादन हो रहा है, विश्व में दुग्ध उत्पादन में देश का स्थान पहला है। इतना होने के बाद भी आज किसानों को उनकी लागत के अनुसार रिटर्न नहीं मिल रहा है। कृषि के लिए जमीन कम हो रही है, 2020 तक भूमिगत जल 12 फीसदी नीचे चला जाएगा। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से निकले छात्रों और वैज्ञानिकों को नॉलेज बेस कृषि को बढ़ावा देना होगा, जिससे कृषि की उपज और बढ़ाया जा सके।

Posted By: Inextlive