आरएसओ की गुंडागर्दी

- आर्चरी टारगेट जलने के बाद खिलाडि़यों को स्टेडियम से गाली देकर बाहर निकाला

- एक महीने पहले बच्चों ने अपने खर्चे से पटियाला से मंगाए थे

- सुबह साढ़े छह बजे बच्चे स्टेडियम पहुंचे तो मिली जानकारी

- एक टारगेट स्टैंड समेत कीमत है दस हजार रुपए

- स्टेट और नेशनल लेवल के मेडलिस्ट करते हैं प्रैक्टिस

- सुबह से लेकर शाम तक करीब 30 बच्चे आते हैं प्रैक्टिस करने

Meerut : कैलाश प्रकाश स्पो‌र्ट्स स्टेडियम के रीजनल स्पो‌र्ट्स ऑफिसर की गुंडागर्दी तब देखने को मिली, जब आर्चरी टारगेट जले हुए पाए जाने पर स्टेट और नेशनल गोल्ड मेडलिस्ट आर्चर शिकायत लेकर उनके पास पहुंचे। आरएसओ ने उन्हें स्टेडियम से धक्के देकर बाहर ही नहीं किया बल्कि गालियां भी दी। आरोप है कि आर्चरी टारगेट आरएसओ ने ही शराब के नशे में जला दिए। क्योंकि जिस जगह पर आर्चरी टारगेट हैं उन्हें काफी दिनों से आपत्ति थी। वैसे आरएसओ इस बात को पूरी तरह से नकार रहे हैं।

चार आर्चरी टारगेट में लगी आग

आर्चरी प्लेयर अनुज ने बताया कि सुबह करीब म्:फ्0 बजे जब हम सात प्लेयर प्रैक्टिस करने स्टेडियम पहुंचे तो हमें चार आर्चरी टारगेट राख हुए मिले। अनुज ने बताया कि जब हम आरएसओ के कमरे की ओर गए तो किसी ने गेट नहीं खोला। हमने काफी देर तक आवाज दी और गेट को खटखटाया, लेकिन किसी ने नहीं सुना। थोड़ी देर बाद चौकीदार हरबंस दिखाई दिए। इस बारे में जब उनसे पूछा तो उसने भी कोई जानकारी नहीं दी।

पुलिस ने भगा दिया

आर्चरी प्लेयर नीरज ने बताया कि हमने इसकी जानकारी पुलिस को देनी चाही। हमने एक तहरीर लिखी और सभी सिग्नेचर किए और सिविल थाने में पहुंच गए। पुलिस वालों ने हमें ये कहकर भगा दिया कि पहले स्टेडियम से लिखवाकर लाओ। उसके बाद ही तुम्हारी शिकायत सुनी जाएगी। बच्चे दोबारा स्टेडियम पहुंचे। उन्होंने अपनी कोच से संपर्क किया। नीरज ने बताया कि कोच की तबियत खराब होने की वजह से बाहर नहीं आ सकीं। उन्होंने आरएसओ के पास जाने की सलाह दी। थोड़ी देर में आरएसओ सामने ही दिख गए।

गाली देकर किया बाहर

जब उन्होंने इस बारे में जानकारी आरएसओ को दी तो उन्होंने खिलाडि़यों को गालियां देनी शुरू कर दी। उन्होंने खिलाडि़यों की एक भी न सुनी। चौकीदार से कहलवाकर हम सभी को स्टेडियम के बाहर निकालकर मेन गेट को बंद कर दिया। उन्होंने यहां तक कह दिया कि हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं है। मैं पूरी रात बैठकर चौकीदारी नहीं कर सकता।

आरएसओ ने जलाए टारगेट?

आरोप है कि टारगेट आरएसओ के इशारे पर ही जलाए गए हैं। जहां वो टारगेट रखे थे। वहां पर आरएसओ को काफी दिनों से आपत्ति थी, लेकिन कोई दूसरी जगह भी नहीं मिल रही थी। ऐसे में खिलाड़ी रोजाना वहीं प्रैक्टिस कर रहे थे। स्टेडियम सूत्रों ने दबी जुबान से बताया कि आरएसओ ने ही शराब के नशे में खिलाडि़यों के आर्चरी टारगेट को जला दिए हैं।

अपने रुपयों से मंगाए थे टारगेट

प्लेयर मोहन ने बताया कि ये टारगेट उन्होंने मात्र एक महीना पहले अपने रुपयों से ही मंगवाए थे। स्टेडियम की ओर से कभी कोई सहायता नहीं मिलती है। छह नए टारगेट में चार पूरी तरह से जला दिए। पटियाला से मंगाए गए एक टारगेट की कीमत स्टैंड समेत दस हजार रुपए है। यानी चालीस हजार रुपए का पूरा नुकसान हुआ है।

गोल्ड मेडलिस्ट करते हैं प्रैक्टिस

स्टेडियम में सुबह से लेकर शाम तक आर्चरी की प्रैक्टिस करने को फ्0-ब्0 खिलाड़ी आते हैं। इनमें अधिकतर बच्चे या तो स्टेट या फिर नेशनल लेवल के गोल्ड मेडलिस्ट हैं। मात्र क्ब् साल की मुस्कान स्टेट जूनियर लेवल पर म् गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। वहीं अनुज और नीरज जूनियर लेवल पर गोल्ड मेडल पा चुके हैं। वहीं कुछ नेशनल के लिए क्वालिफाई कर चुके हैं।

डायरेक्टर को भेजी रिपोर्ट

वहीं आरएसओ आरएन सिंह यादव ने बताया कि उन्होंने इस पूरे प्रकरण की रिपोर्ट खेल निदेशक लखनऊ को भेज दी है। आरएसओ ने बताया कि इस पूरे प्रकरण जो भी मुझपर आरोप लगाए गए हैं वो पूरी तरह से निराधार हैं। कल चौकीदार हरबंस की तबियत खराब थी। वो हार्ट पेशेंट हैं। मैंने ही उसे अपने क्वार्टर में सुलाया था। ये काम देर रात नशेडि़यों का है।

है कई सवाल

क्। स्टेडियम के चारों ओर दस फीट की दीवारों को कूदकर कैसे एंट्री कर सकता है?

ख्। अगर कोई एंट्री कर भी गया तो आग लगा भी दी तो क्या आग लगने की भनक किसी को कैसे नहीं लगी?

फ्। घटना की सूचना मिलने पर आरएसओ द्वारा इस बात की कंप्लेन पुलिस को करनी चाहिए थी?

ब्। क्या आरएसओ रवैया तब भी ऐसा ही होता जब ये आर्चरी टारगेट सरकारी खजाने से आए होते?

Posted By: Inextlive