हाईकोर्ट ने दुष्कर्म की सुनवाई स्थगित करने की तरुण तेजपाल की याचिका खारिज की
पणजी (आईएएनएस)। गोवा में बंबई हाईकोर्ट की बेंच ने शुक्रवार को तहलका के पूर्व प्रधान संपादक और दुष्कर्म के आरोपी तरुण तेजपाल द्वारा दायर एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उनके वकील की अनुपलब्धता के कारण अगले सप्ताह के लिए निर्धारित पीड़िता की जिरह स्थगित करने की मांग की गई थी। दिसंबर तक सुनवाई स्थगित करने की मांग की थीजस्टिस सीवी भदांग ने ट्रायल कोर्ट के 21 अक्टूबर से तीन दिन तक मामले की सुनवाई के आदेश को चुनौती देने वाली तेजपाल की याचिका को खारिज कर दिया। सरकारी वकील एस रिवंकर ने पणजी में संवाददाताओं से कहा कि अपनी याचिका में तेजपाल ने दिसंबर तक सुनवाई स्थगित करने की मांग की थी, उनका दावा है कि उनके वकील अगले दो महीनों तक उपलब्ध नहीं थे।क्रॉस एग्जामिन कर सकती है पीड़िता
जब 21 अक्टूबर को मुकदमा शुरू होगा, तो तेजपाल की डिफेंस टीम पीड़िता को क्रॉस एग्जामिन कर सकती है। सितंबर 2017 में शुरू हुए ट्रायल में तेजपाल की सुप्रीम कोर्ट में उस अपील के बाद से देरी हो रही थी, जिसमें अदालत द्वारा उसके खिलाफ लगाए गए आरोपों को खारिज करने का अनुरोध किया गया था। शीर्ष अदालत ने इस साल अगस्त में उनकी याचिका का निपटारा करते हुए निचली अदालत को छह महीने के भीतर मुकदमे को पूरा करने का निर्देश दिया था।लिफ्ट के अंदर जूनियर सहकर्मी के साथ यौन उत्पीड़न का आरोपतेजपाल पर नवंबर 2013 में मैगजीन के एक इवेंट के दौरान गोवा के एक रिज़ॉर्ट होटल की लिफ्ट के अंदर जूनियर सहकर्मी के यौन उत्पीड़न का आरोप है। तेजपाल पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (दुष्कर्म), 341 (गलत संयम), 342 (गलत तरीके से कैद) 354A (यौन उत्पीड़न) और 354B (आपराधिक हमला) के तहत मामला दर्ज किया गया है।