कोई मांग रहा चिकेन बिरयानी, कोई मांग रहा पिज्जा
-हिंदपीढ़ी कंटेनमेंट जोन में घरों में कैद लोग कर रहे अजीबोगरीब फरमाइश
-जरूरी सामानों की ही की जा रही सप्लाई रांची। राजधानी के हिंदपीढ़ी कंटेनमेंट जोन में रहनेवाले लोग वहां तैनात अधिकारियों से अजीबो-गरीब गुजारिश कर रहे हैं। किसी को मटन और चिकेन बिरयानी चाहिए, कोई गरमा-गरम समोसा, मिठाई तो कोई पिज्जा की मांग कर रहा है। लोगों के डिमांड करने के बाद अधिकारी पहले तो इंतजार करने का हवाला देकर शांत करने की कोशिश करते हैं और बाद में खाने की इन चीजों को जरूरी सेवाओं में नहीं आने का हवाला देकर इंकार कर रहे हैं। हिंदपीढ़ी को किया गया है सील जिला प्रशासन ने हिदपीढ़ी में कोरोना संक्त्रमित मरीज अधिक मिलने के बाद इस इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया है। यहां ना तो किसी को अंदर जाने की इजाजत है और ना ही बाहर निकलने की। लोगों के आम जरूरतों की सप्लाई काजिम्मा अधिकारी उठा रहे हैं। इसके लिए अंदर और बाहर वॉलिंटियर का दो
ग्रुप ही बनाया गया है.अधिकारियों द्वारा इस ग्रुप में स्थानीय लोगों को भी जोड़ा गया है। आम लोग वालंटियर से अपनी मांग भेजते हैं, जिसे उनके घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी मौके पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों की होती है। अधिकारी हैं परेशानहिंदपीढ़ी के अलग-अलग जोन में तैनात अधिकारियों का कहना है कि लोगों की
इस तरह डिमांड से वे परेशान हैं। वहां तैनात एक अधिकारी ने बताया कि हिंदपीढ़ी के एक आदमी ने मंगलवार को चिकेन बिरयानी भेजने की डिमांड की थी। दूसरे ने कहला भेजा कि पत्नी और बच्चे गरम-गरम समोसा की मांग कर रहे हैं और फरमाइश पूरी नहीं होने पर नाक-मुंह सिकोड़ रहे हैं। जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि कंटेनमेंट में तैनात अधिकारी का जिम्मा दूध, पानी, सब्जी, राशन जैसी जरूरी सेवाओं की सप्लाई सुनिश्चित करना है। उनकी पसंदीदा मांगे नहीं पूरी की जा सकती हैं। ऐसे में जोन में तैनात अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि मांगों को नजरअंदाज करें।