-टैक्स चोरी करने वाले माल वाहक वाहनों में लगाया जाएगा रेडियो फ्रींक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन डिवाइस

-वाणिज्यकर विभाग के इजाद नये डिवाइस से सेकेंड भर में पकड़ में आ जाएगी टैक्स चोरी

जीएसटी काउंसिल की सहमति पर वाणिज्यकर विभाग ने एक ऐसे डिवाइस का इजाद किया है जिसके जरिए सेकेंड भर में ही टैक्स चोरी पकड़ में आ जाएगी। टैक्स चोरी कर राजस्व को नुकसान पहुंचाने वाले माल वाहक वाहनों में रेडियो फ्रींक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन डिवाइस 'रफीड' फिट किया जाएगा। इस डिवाइस के जरिए करापवंचन (टैक्स चोरी) करने वाले मालवाहनों को पकड़ने में आसानी होगी। इसके लिए गैर प्रांतों से उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने वाले समस्त रास्तों पर डिवाइस लगाए जा रहे हैं। अब तक नौबतपुर-चंदौली, बारा, भरौली सहित प्रदेश के 41 सीमांत रास्तों पर डिवाइस लगाने का काम पूरा हो चुका है। गैर प्रांतों से यूपी की सीमा में प्रवेश करने वाले सेलेक्ट 41 स्थानों पर 'रफीड' को लगाने का जिम्मा 'स्कैन नेट' नामक कंपनी को दिया गया, जिसने इस काम को पूरा भी कर लिया है।

कम्प्यूटर स्क्रीन पर दिखेगा वाहन

यूपी की सीमा में एंट्री करने वाले रास्तों पर 'स्कैन नेट' कंपनी के कर्मचारी तैनात रहेंगे, जो इन रास्तों से प्रवेश करने वाले मालवाहनों में माइक्रो चिप लगाने का काम करेंगे। यह चिप 'रफीड' नामक डिवाइस की मैपिंग से जुड़ा होगा यानी इस चिप के लगते ही मालवाहन के मूवमेंट का पता 'रफीड' के माध्यम से कंट्रोल रूम में बैठे विभागीय अधिकारी को कम्प्यूटर स्क्रीन पर चलेगा। मालवाहन ई-वे बिल में तय रास्ते से इतर रवाना होते नजर आएगा तो उसके खिलाफ आसानी से विभागीय अफसर कार्रवाई कर सकेंगे।

क्या है 'रफीड'?

रेडियो फ्रींक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन डिवाइस (आरएफआईडी) वायरलेस संचार का एक रूप है। इसमें विद्युत चुम्बकीय वर्णक्रम के रेडियो फ्रींक्वेंसी भाग में विद्युत चुम्बकीय या इलेक्ट्रोस्टैटिक का उपयोग किया जाता है ताकि किसी वस्तु, जानवर या व्यक्ति की पहचान हो सके। उत्तर प्रदेश के प्रवेश मार्गो पर लगाए गए आरएफआईडी के माध्यम से 'टैक्स चोर' मालवाहनों की आसानी से पहचान की जा सकेगी।

ऐसे होता है संचालित

आरएफआईडी रीडर एक नेटवर्क से जुड़ा डिवाइस है। यह टैग सक्रिय करने वाले संकेतों को प्रसारित करने के लिए रेडियो तरंगों का उपयोग करता है। एक बार एक्टिव होने पर, टैग एंटीना में एक लहर वापस भेजता है, जहां इसका डेटा में अनुवाद किया जाता है।

चिप खोलेगा राज

मालवाहन में लगाए जाने वाले चिप में उसका संपूर्ण लेखा-जोखा भी होगा। मसलन गाड़ी नंबर, चेसिस नंबर, इंजन नंबर, वाहन मालिक का नाम व पता, कहां से माल लोड हुआ और कहां जा रहा है, आदि। यदि कोई चालक चिप के साथ छेड़छाड़ करेगा तो उसका डिवाइस के रडार से संपर्क भंग हो जाएगा।

प्रोजेक्ट को अब मिली राह

जीएसटी लागू होने के पूर्व चल रहे मंथन के दौरान ही वाणिज्य कर विभाग, लखनऊ मुख्यालय पर तैनात रहे ज्वाइंट कमिश्नर (वर्तमान में वाराणसी जोन में तैनात) ज्वाइंट कमिश्नर (एसआइबी) विरेंद्र कुमार शुक्ला ने इस प्रोजेक्ट की संरचना तत्कालीन विभागीय कमिश्नर मुकेश कुमार मेश्राम के निर्देशन में की थी। उनके ही इस प्रोजेक्ट को जीएसटी काउंसिल ने हरी झंडी दी है।

टैक्स चोर मालवाहनों की धरपकड़ का काम जल्द शुरू हो जाएगा। डिवाइस 'रफीड' के जरिएयह काम काफी आसान हो जाएगी। उम्मीद है कि जून से यह डिवाइस काम करने लगेगा।

केके वर्मा, ग्रेड-टू (एसआईबी)

वाराणसी जोन

Posted By: Inextlive