घर-घर खोजे जाएंगे टीबी रोगी
-एक दिसंबर से चलेगा अभियान, टीम बनाकर खोजेंगे मरीजों को
-टीबी की जांच, इलाज परामर्श व दवा आदि दी जाती है फ्री में टीबी मरीजों को घर-घर ढूंढ़ने के लिए एक दिसंबर से शहर में विशेष अभियान शुरू किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक ऐसा ही क्षयरोग रोधी अभियान इस वर्ष के अगस्त में भी चलाया गया था जिसमें क्षय रोग के 43 नए मरीजों की पहचान की गई थी। इसको लेकर स्वास्थ्य महकमा चिंतित है। इस कारण एक बार फिर अभियान चलाकर टीबी के नए रोगियों को खोजने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की टीम को सौंपी गई है। जेल से स्लम बस्तियों तकस्लम बस्तियों, जेल, बुनकर कॉलोनियों, ईट-भट्ठों पर काम करने वाले, रिक्शा चालकों के बीच यह अभियान चलाया जाएगा। चूंकि यहां टीबी के मरीजों के मिलने की आशंका सर्वाधिक होती है। टीबी की जांच, इलाज परामर्श व दवा आदि फ्री में दी जाती है। ट्यूबरक्लोसिस यानी टीबी एक संक्रामक रोग है जो मरीजों के खांसने और थूकने से फैलता है।
एक नजर 15 डॉट्स सेंटर 45 डीएमसी 600 से अधिक डॉट्स प्रोवाइडर 4,033 कुल रजिस्टर्ड पेशेंट्स 697 एमडीआर पेशेंट्स 75 पेशेंट्स हो गए ठीक 62 पेशेंट्स कर गए डेथप्राइवेट हॉस्पिटल्स टीबी मरीजों की संख्या छुपा रहे हैं। दिसंबर से शुरू हो रहे अभियान में घर-घर टीबी मरीज ढूंढ़े जाएंगे।
डॉ। केके ओझा, डीटीओ