- राजधानी के आधे से अधिक बेसिक स्कूलों में पढ़ाई चौपट

- शिक्षक गए बीएलओे, ड्यूटी, पढ़ाई कौन कराएं

- बिना तैयारी के ही टीचर्स को भेजा ड्यूटी पर

- सभी स्कूल एक टीचर्स व शिक्षामित्रों के भरोसे

LUCKNOW: बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले, इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारें हर साल करोड़ों रुपये खर्च करती हैं। लेकिन बेसिक स्कूलों में हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। पहले से ही बदतर हालातों में और पलीता लगा रही हैं प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां। बेसिक स्कूलों में पढ़ाई के स्तर का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि आधे से अधिक गुरुओं को बूथ लेवल अफसर (बीएलओ) ड्यूटी में झोंक दिया गया है। ऐसे में पठन-पाठन का पूरा जिम्मा इक्का-दुक्का टीचर्स और शिक्षामित्र या फिर बीटीसी का प्रशिक्षण ले रहे कैंडीडेट्स पर आन पड़ा है। आलम यह कि अधिकांश स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पूरी तरह से चौपट हो गई है।

लगभग सभी स्कूल बे'टीचर'

बेसिक शिक्षा विभाग ने ज्यादातर शिक्षकों की बीएलओ ड्यूटी तो लगा दी। शिक्षकों की ड्यूटी लगाते समय ऑर्डर जारी किया था कि वह पहले अपने निर्धारित समय पर स्कूल में पढ़ाएंगे, इसके बाद बीएलओ ड्यूटी पर जाएंगे। लेकिन आदेश की आड़ में ज्यादातर शिक्षक स्कूल से ही गायब हैं। इसका खुलासा खुद एडी बेसिक की ओर से किए गए स्कूलों के निरीक्षण में हो चुका है। बेसिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष विनय कुमार का कहना है कि शिक्षकों को बीएलओ की ड्यूटी करने के लिए अपने स्कूल से दूरदराज के गांवों में जाना पड़ रहा है। ऐसे में अगर वह दोपहर में स्कूल समाप्त होने के बाद बीएलओ को काम पर जाते है, तो दूरदराज के गांव कवर नहीं कर पा रहे हैं। खासतौर पर महिला शिक्षकों को खासी परेशानी हो रही है।

पांच हजार में तीन हजार गायब

बीएसए कार्यालय की ओर से बीएलओ ड्यूटी के लिए राजधानी के करीब पांच हजार से अधिक शिक्षकों में से तीन हजार को बीएलओ ड्यूटी के लिए भेजा गया है। इन शिक्षकों को एबीएसए ने अपने-अपने स्कूलों से रिलीव भी कर दिया है। ऐसे में राजधानी के 2025 स्कूलों में मौजूदा समय में केवल करीब दो हजार के करीब शिक्षक ही स्कूल पहुंच रहे हैं।

एक शिक्षक पर आठ-आठ क्लास

बीएसए की बिना कार्य योजना के शिक्षकों की ड्यूटी लगाने के कारण हर स्कूल में शिक्षकों के ऊपर खासा दबाव बना है। बेसिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष बताते हैं कि मौजूदा समय में ग्रामीण क्षेत्रों में एक-एक शिक्षक कम से कम एक साथ पांच क्लास के बच्चों को पढ़ा रहा है। तो कहीं पर एक साथ क्लास एक से आठवीं तक क्लास एक ही शिक्षक के भरोसे ही है। ऐसे में अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि बच्चों की पढ़ाई किस तरह से हो रही होगी।

टीचर संग स्टूडेंट्स भी गायब

स्कूलों के शिक्षकों के न आने का असर अब साफ तौर पर स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति पर देखने को मिल रहा हैं। जुलाई एक से खुले स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति में अचानक से 30 से 35 फीसदी की उपस्थिति कम देखी गई है। इसका खुलासा एडी बेसिक के रिपोर्ट में हो चुका है। एडी बेसिक महेंद्र सिंह राणा ने आईवीआरएस रिपोर्ट पर स्कूलों का निरीक्षण किया जहां की स्थिति देख वह बिफर पड़े थे। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि बीकेटी के उच्च प्राथमिक स्कूल सूरजपुर गढ़ा में 41 बच्चों के नामांकित होने और तीन दिन से खाना न बनने की सूचना अंकित है। जब प्रधानाध्यापक से बात की तो बताया गया कि मिड-डे-मील नियमित बन रहा है और स्कूल में 50 बच्चे नामांकित हैं। यहां चार अध्यापक भी कार्यरत हैं। यहां 50 बच्चों के सापेक्ष 27 बच्चे उपस्थित मिले। इन सभी को भोजन दिया गया। इसके अलावा उच्च प्राथमिक स्कूल अन्नंत खेड़ा माल में भी तीन दिन से खाना न बनने की सूचना आईवीआरएस पर दर्ज की गई। जांच में पता चला कि स्कूल में 42 बच्चों के नामांकन में सिर्फ दो उपस्थित हैं। एडी बेसिक के मुताबिक, प्रधानध्यापक से बात की तो उन्होंने बताया कि स्कूल में 42 बच्चों में से दो उपस्थित हैं। सिर्फ दो बच्चों के उपस्थित होने की स्थिति संतोषजनक नहीं है।

राजधानी का हाल

2025

बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल

5000

बेसिक शिक्षा परिषद के कुल टीचर्स-

3500

शिक्षक बीएलओ ड्यूटी में भेजे गए

2. 25 लाख

स्टूडेंट्स की संख्या इन स्कूलों में

बीएसए को इस संबंध में आर्डर जारी कर शिक्षकों को पहले स्कूल में पढ़ाने इसके बाद ड्यूटी पर जाने सुनिश्चित करने का कहा गया है। ताकि स्कूल में शिक्षा का स्तर बना रहे।

- महेंद्र सिंह राणा, एडी बेसिक, लखनऊ मंडल

शिक्षकों को पहले स्कूल में पढ़ाने के बाद ही बीएलओ के काम पर जाने को कहा गया है। इस बात को सुनिश्चित कराने के लिए सभी एबीएसए को ऑर्डर जारी कर दिया गया है।

- प्रवीण मणि त्रिपाठी, बीएसए, लखनऊ

ग्रामीण क्षेत्रों में एक-एक शिक्षक कम से कम एक साथ पांच क्लास के बच्चों को पढ़ा रहा है। तो कहीं पर एक साथ क्लास एक से आठवीं तक क्लास एक ही शिक्षक के भरोसे ही है।

विनय कुमार, अध्यक्ष बेसिक शिक्षा संघ

Posted By: Inextlive