टीचर्स डे भारत में हर साल 5 सितंबर को समाज में शिक्षकों के योगदान के प्रति आभार जताने के लिए मनाया जाता है। 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती है।


कानपुर। शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन वर्ष 1962 में भारत के राष्ट्रपति बने। एक बार उनके कुछ दोस्तों और छात्रों ने उनसे कहा कि, वह उनके जन्मदिन को सेलिब्रेट करना चाहते हैं. तब उन्होंने कहा था, 'मेरा जन्मदिन अलग से मनाने के बजाए अगर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो मुझे गर्व महसूस होगा।' डॉ. एस. राधाकृष्णन समकालीन भारत के सबसे प्रसिद्ध शिक्षाविदों व लेखकों में से एक थे। उन्होंने सैद्धांतिक, धार्मिक, नैतिक विषयों पर ज्ञान को समृद्ध बनाने में अमूल्य योगदान दिया। डा. राधाकृष्णन का जीवन
डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को तिरुतनी में हुआ था। वह 1962 से 1967 तक भारत के राष्ट्रपति रहे। इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका के अनुसार उन्होंने 1918-21 तक मैसूर में दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर के रूप में कार्य किया। वह 1921-31 व 1937-41 तक कलकत्ता यूनिवर्सिटी और 1931-36 तक आंध्र यूनिवर्सिटी के कुलपति रहे। वह इंग्लैंड में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में पूर्वी धर्मों और नैतिकता के प्रोफेसर (1936-52) और भारत में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (1939-48) के कुलपति थे। 1953 से 1962 तक वे दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति रहे। उन्हें 1948-49 में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के कार्यकारी बोर्ड (1948-49) का अध्यक्ष चुना गया। 11 मई, 1962 को, उन्हें भारत का दूसरा राष्ट्रपति चुना गया। डा. राधाकृष्णन की प्रमुख रचनाएं डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की लिखित रचनाओं में भारतीय दर्शन, 2 खंड शामिल हैं। द फिलॉसफी ऑफ द उपनिषद, एन आइडियलिस्ट व्यू ऑफ लाइफ, ईस्टर्न रिलीजन एंड वेस्टर्न थॉट और ईस्ट एंड वेस्ट: सम रिफ्लेक्शंस भी उनकी प्रमुख रचनाओं में शामिल हैं। Happy Teacher's Day 2019 : 5 सितंबर को यह दिन मनाने से पहले जानें इसका इतिहास और महत्वटीचर्स डे पर होने वाले आयोजन टीचर्स डे पर छात्र स्कूल और कॉलेजों में शिक्षकों का मनोरंजन करने के लिए बहुत सी गतिविधियां करते हैं जैसे छात्र समारोह का आयोजन करते हैं, गायन प्रतियोगिता आयोजित करते हैं, यहां तक कि शिक्षकों के लिए भी प्रतियोगिता कराते हैं, विभिन्न नृत्य शास्त्रीय या समकालीन होते हैं। कविता पाठ, शिक्षकों की नकल, शिक्षकों के साथ बहुत सारे खेल, पिकनिक आदि भी होता है। उन्हें उपहार देकर या उसके बिना भी कम से कम उनका आभार जताया जाता है। इस दिन शिक्षकों का धन्यवाद करें क्योंकि यह महत्वपूर्ण दिन है।

Posted By: Shweta Mishra