हरिओम साहू उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सेंटर पर स्कूल मैनेजर के भतीजे ने किया खेल

डीआईओएस बोले, सेंटर डिबार करने की भेजी जाएगी संस्तुति, स्कूल के खिलाफ रिपोर्ट

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यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा के दौरान मंगलवार को गणित के साथ गणित हो गयी। कौशांबी जिले में न सिर्फ पर्चा आउट हुआ बल्कि कापियां भी बाहर से लिखवायी गयीं। संयोग से पुलिस की कॉलेज में परीक्षा के बाद रेड पड़ गयी तो पता चला कि ओरिजिनल स्टूडेंट्स क्लास रूम में डमी की तरह मौजूद थे और उनकी कापियां बाहर लिखी गयीं। परीक्षा के बाद कापियों को बदलने का खेल पकड़ में आया। इसमें कॉलेज प्रबंधक का भतीजा ही इनवाल्व था। उधर, गाजीपुर जिले में केन्द्र के भीतर से मोबाइल सेट बरामद होने की सूचना है। बोर्ड परीक्षा के दौरान लगातार सामने आ रहे प्रकरणों ने पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है। यूपी बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव का कहना है कि कौंशाबी की घटना के संबंध में रिपोर्ट दर्ज करायी जा चुकी है। गाजीपुर प्रकरण की अभी पुष्टि नहीं हुई है।

एग्जाम के बाद चल रहा था खेल

सूत्रों के अनुसार बोर्ड परीक्षा के दौरान सेंटर के बाहर से कापियों के लिखकर मांगने की शिकायत कई जिलाें से आ रही थी, इस पर पुलिस टीमों को लगाया गया था यह जानने के लिए कि मोटी रकम लेकर कोई खेल तो नहीं किया जा रहा है। स्टैटिक मजिस्ट्रेट सूर्य प्रकाश के अनुसार मंगलवार को सूचना आयी कि कौशांबी के सैनी में स्थित हरिओम साहू उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अमिरतापुर में परीक्षा खत्म होने के बाद कापियां बदली जा रही हैं। ये कापियां बाहर से लिखकर आई थीं। कापी जबरन प्रबंधक पन्नालाल साहू का भतीजा संजीव कुमार साहू बदल रहा था। संजीव कालेज में शिक्षक भी है। स्टेटिक मजिस्ट्रेट (ईओ) सूर्य प्रकाश व सहायक लेखपाल सुनील श्रीवास्तव सूचना मिलने पर मौके पर पहुंच गए और विरोध करने लगे। इसी दौरान सैनी कोतवाल प्रदीप कुमार सिंह, अजुहा चौकी प्रभारी पंधारी सरोज ने वहां छापा मार दिया। पुलिस का छापा पड़ते ही संजीव भाग निकला। परीक्षा केंद्र को चारों तरफ से घेर लिया गया। डीआईओएस सत्येंद्र कुमार सिंह, सीओ रामवीर सिंह मौके पर पहुंचे।

बाहर से मंगाई गई थीं 31 कापियां

कापियों का मिलान किया गया तो पता चला कि कुल 31 कापियां बाहर से लिखकर मंगाई गई थीं।

इनमें से 29 कापियां ऐसी थीं, जिनकी एक ही रोल नंबर की दो-दो कापियां थीं।

दो कापियां गैर हाजिर परीक्षार्थियों की भी थीं।

मौजूद स्टेटिक मजिस्ट्रेट की तहरीर पर सैनी पुलिस ने मामला दर्ज कर कापियों को अपने कब्जे में ले लिया है

इन घटनाओं से साख पर बटटा

मऊ और कुशीनगर में गुरुवार को सोशल मीडिया पर परीक्षा से पहले वायरल हो गया था इंटरमीडिएट फिजिक्स की एक सिरीज का पेपर।

बलिया में शनिवार को अंग्रेजी की परीक्षा के दौरान साल्व कापियां केन्द्र के बाहर पकड़ी गयी थीं। इससे पर्चा आउट होना बताया गया।

मंगलवार को कौशांबी में परीक्षा समाप्त होने के समय ही बाहर से लाकर साल्व कापियां जमा की जाती पकड़ी गयीं। यह बताता था परीक्षा के दौरान की पर्चा बाहर चला गया था।

शिक्षा माफिया की हनक पर असर नहीं

कौशांबी, कुशीनगर, मऊ और गाजीपुर जनपदों में हुई घटनाएं बताती हैं कि बोर्ड ने परीक्षा की सुचिता बनाये रखने के लिए जितने जतन किये थे, शिक्षा माफियाओं ने उससे दो कदम आगे अपनी तैयारी रखी थी। कौशांबी में जो कॉपियां बरामद की गयी हैं उसके जवाब हूबहू वही हैं जो पेपर परीक्षा कक्ष में बांटा गया था। इससे स्पष्ट है कि यहां कम से कम परीक्षा शुरू होने के साथ ही पेपर को बाहर पहुंचा दिया गया था। यह पेपर आउट होने की कैटेगिरी में आता है। अफसर बाहर से कापियां बरामद होने की बात तो स्वीकार करते हैं लेकिन पेपर आउट होने के सवाल पर कन्नी काट लेते हैं। शिक्षा माफिया की सेटिंग का पता इससे भी चलता है कि ओरिजिनल छात्र क्लास रूम में कापी-पेपर लेकर टाइम पास करने के लिए बैठा रहा। दो गैर मौजूद छात्रों की कापियों भी बाहर से लिखकर आयीं। यानी कम से कम पेपर साल्व करने में 30 लोगों को लगाया गया था। यह संकेत देता है कि सब कुछ बेहद ऑर्गनाइज तरीके से चल रहा है। पुलिस व अन्य अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी? यह भी सवालों के घेरे में है। इनका जवाब देना सबको भारी पड़ सकता है।

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कैसे चल रहा था पूरा खेल

जिन छात्र की कॉपियां बाहर लिखी जा रही थी, वे सेंटर पर अपनी सीज पर बैठे होत थे

जनरल स्टूडेंट्स की तरह से पेपर-कापी लेते और चुपचाप टाइम पास करते थे

यानी सीसीटीवी फुटेज में उनकी मौजूदगी का फुलप्रूफ इंतेजाम था

सेंटर पर उनकी अटेंडेंस में भी कोई लोचा आराम से पकड़ा नहीं जा सकता था

परीक्षा के बाद स्कूल उसकी कॉपी को निकालकर बाहर लिखी कॉपियों को लगा देता।

स्कूल की मिली भगत के कारण अधिकारी भी इस खेल को नहीं पकड़ पा रहे थे।

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सीसीटीवी, वाइस रिकार्डिंग हो गई फेल

यूपी बोर्ड ने पहली बार सभी सेंटर्स को सीसीटीवी के जरिये मॉनीटर करने की व्यवस्था कर रखी है। बोर्ड ऑफिस में कंट्रेाल रूम बना है। डीआईओएस ऑफिस से मॉनिटरिंग हो रही है। इसके बाद भी खेल जाती है तो इसलिए क्योंकि 'नेटवर्क' को विलेन की तरह प्रस्तुत कर दिया गया है। रिकॉर्डिग के साथ वायस रिकॉर्डिग तक एक टाइम फ्रेम के दौरान ब्रेक कर दी जाती है। इसकी शिकायत लगातार कंट्रोल रूम तक पहुंच रही है। बोर्ड ऑफिस से इस पर क्वैरी की जाती है तो जवाब मिलता है कि नेटवर्क में प्राब्लम है। हम क्या कर सकते हैं। इस जवाब के आगे बोर्ड ऑफिसर भी सरेंडर कर जाते हैं।

एक विद्यालय की 31 कॉपियों का बाहर लिखा जाना और उनको बाद में बदलने की कोशिश करना गंभीर मामला है। पूरी रिपोर्ट के साथ ही माध्यमिक शिक्षा परिषद को स्कूल को डिबार करने की संस्तुति भेजी जाएगी। आगे की परीक्षा के दौरान यहां बाहर से आब्जर्वर भेजा जायेगा।

सत्येंद्र कुमार सिंह

डीआईओएस, कौशांबी

कौशांबी प्रकरण सही है। वहां केन्द्र व्यवस्थापक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई है। आगे पुलिस और बोर्ड दोनों अपनी-अपनी कार्रवाई करेंगे। गाजीपुर की घटना के संबंध में अभी तक बोर्ड के पास कोई जानकारी नहीं है।

नीना श्रीवास्तव

सचिव, यूपी बोर्ड

Posted By: Inextlive