भर्ती प्रक्रिया में शामिल अभ्यर्थियों ने लगाये गंभीर आरोप

एक से अधिक जिलों में आवेदन और डिग्री पर उठाए सवाल

ALLAHABAD: सूबे के परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पदों पर चल रही नियुक्ति प्रक्रिया में अभी से विवाद शुरू हो गया है। आवेदन प्रक्रिया और काउंसिलिंग के बाद कुछ अभ्यर्थियों ने कई आवेदकों पर फर्जी वाड़ा कर आवेदन का आरोप लगाया है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि कई ऐसे अभ्यर्थियों की सूची मिली है, जिन्होंने कई जिलों में आवेदन करने के साथ ही जमा किए दस्तावेज में भी फर्जीवाड़ा किया है। इन अभ्यर्थियों ने डीएड व बीएलएड का प्रशिक्षण प्राप्त करने से पूर्व ही टीईटी परीक्षा में सम्मिलित होकर परीक्षा पास कर ली। शासनादेश में कहीं भी ऐसा आदेश नहीं है कि प्रशिक्षण पूर्ण किए बगैर परीक्षा में शामिल हुआ जा सकता है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि इस बारे में जानकारी होने के बाद भी बीएसए फर्जीवाड़ा को नजर अंदाज कर नियुक्ति पत्र देने में जुटे हैं।

एनओसी के बगैर शिक्षामित्र शामिल

अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि जिले में बीएसए सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं। उन्होंने एनओसी प्राप्त किए बगैर ही शिक्षामित्रों को काउंसलिंग में शामिल होने का मौका दिया है। इस दौरान अभ्यर्थियों ने आवेदक सरिता सिंह पुत्री सूर्य बहादुर सिंह के मामले को लेकर कहा कि इन्होंने वर्ष 2010 में डीएड व बीएलएड प्रशिक्षण उत्तीर्ण किया है। इन्होंने 15 हजार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में भी आवेदन किया था, लेकिन बाहर कर दिया गया। इस भर्ती प्रक्रिया में इन्होंने डीएड प्रशिक्षण धारक होना बताया था। जबकि 16448 भर्ती में बीएलएड प्रशिक्षण धारक बताया है। इनकी काउंसलिंग को लेकर जब बीएसए से बात करने का प्रयास किया गया, तो उन्होंने उचित उत्तर नहीं दिया। उपहार कुशवाहा ने ईआईआईएलएम सिक्किम से स्नातक की डिग्री हासिल की है। जबकि उक्त विश्वविद्यालय को फर्जी घोषित किया गया है। वहीं उपहार कुशवाहा ने बीटीसी प्रशिक्षण में प्रवेश के समय स्नातक की दूसरी डिग्री लगाई है। अभ्यर्थियों ने कहा कि कुछ अधिकारी जानबूझकर इस प्रकार का फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। इससे सही अभ्यर्थियों के करियर पर सीधा असर पड़ रहा है। इस अवसर पर रवीश यादव, अजीत मिश्र, देव सिंह और विकास समेत अन्य अभ्यर्थियों ने भी अपनी आपत्ति दर्ज करायी।

वर्जन

अभी सिर्फ काउंसिलिंग हुई है। डाक्यूमेंट का सत्यापन चल रहा है। जिन अभ्यर्थियों पर अंगुली उठी है उनके डाक्यूमेंट जांच में फर्जी पाए जाने पर उन्हें बाहर कर दिया जाएगा। शिक्षामित्रों में सिर्फ उनकी बगैर एनओसी के काउंसलिंग करायी गई है, जो अभी तक समायोजित नहीं हुए हैं।

जय करन यादव

बीएसए, इलाहाबाद

Posted By: Inextlive