अंतर जनपदीय तबादलों पर नहीं हो सका कोई फैसला

वर्तमान सत्र में अंतर जनपदीय तबादले पर लगा है ग्रहण

ALLAHABAD: लंबे समय से गृह जनपद में जाने की बाट देख रहे परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को अभी लंबा इंतजार करना पड़ेगा। मौजूदा सत्र में तबादले की उम्मीद बनाए शिक्षकों की नए सत्र से पहले उम्मीद पूरी होती नहीं दिख रही है। मौजूदा सत्र में अंतर जनपदीय स्थानांतरण पर लगे ग्रहण पर फिलहाल कोई फैसला होता नहीं दिख रहा है। जबकि 31 मार्च को सत्र समाप्त होना है। अब नए सत्र में ही कोई उम्मीद बन सकती है। अधिकारी भी मान रहे हैं कि नए सत्र के पहले तबादले को लेकर किसी भी प्रकार का फैसला होने की उम्मीद नहीं है।

मिड सेशन में तबादले से असर

सेशन के आखिरी तक शिक्षकों को तबादले की उम्मीद थी। इस पर पानी फिर गया है। नया सत्र शुरू होने में चंद दिन ही बाकी हैं। ऐसे में तबादले की प्रक्रिया नए सत्र में ही पूरी हो पाएगी। मिड सत्र में तबादले की प्रक्रिया शुरू होने पर उसका सीधा असर परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई पर पड़ेगा। गौरतलब है कि लंबे इंतजार के बाद जनवरी में अंतर जनपदीय तबादलों के लिए ऑन लाइन आवेदन मांगे गए थे। इसमें पांच साल तक अनिवार्य कार्य अवधि मानक के रूप में दी गई थी। इसके खिलाफ महिला शिक्षकों ने हाईकोर्ट में चैलेंज किया। कोर्ट ने महिला शिक्षकों को अनिवार्य सेवा अवधि से छूट का निर्देश दिया था। इसके बाद फिर से आवेदन की तिथि बढ़ाई गई। दूसरी बार आवेदन की तिथि 9 फरवरी से 15 फरवरी निर्धारित की गई थी। इसके बाद पुरुष शिक्षक भी छूट के लिए कोर्ट की शरण में गए। इस चक्कर में अभी तक कोई फैसला नहीं हो सका और पूरा मामला अटका हुआ है।

ब्लाक स्तर तबादला भी अटका

अंतर जनपदीय तबादले पर ग्रहण लगने से ब्लाक स्तर तबादला भी अटक गया। जिले के अंदर एक ब्लाक से दूसरे ब्लाक में तबादले के लिए शिक्षकों को अब अगला सत्र समाप्त होने तक इंतजार करना पड़ेगा। क्योकि ब्लाक स्तर तबादले को मिड सेशन में करने से सीधा असर पढ़ाई पर पड़ेगा।

मिड सेशन में अंतर जनपदीय तबादले से कोई फर्क पढ़ाई पर नहीं पड़ेगा। यह प्रक्रिया कुछ सालों के अंतर में होती है। इसलिए इसे कभी भी कराया जा सकता है।

संजय सिन्हा

सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद

Posted By: Inextlive