-एक ही परिसर के प्राइमरी स्कूलों को जूनियर में मर्ज करने का विभाग दे चुका है निर्देश

-हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले शिक्षकों ने शिक्षक संघ के नेतृत्व में जताया विरोध

बरेली: एक ही कैंपस में चल रहे प्राइमरी स्कूलों को जूनियर में मर्ज करने पर शिक्षकों में नाराजगी है. जिले के करीब 37 शिक्षकों ने प्रक्रिया पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. जिसका निर्णय आने से पहले बेसिक शिक्षा विभाग की कार्रवाई को गलत ठहराते हुए विरोध में उतर आए हैं. मंडे को उप्र जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के नेतृत्व में शिक्षकों ने बीएसए कार्यालय पर प्रदर्शन किया. बीएसए को ज्ञापन भी सौंपा. जिस पर बीएसए ने अधीनस्थों को नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

सरकार से मांगा है जवाब

संगठन के मंडल अध्यक्ष डॉ. विनोद शर्मा ने बताया कि ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद एक जुलाई से स्कूल खुल जाएंगे. अफसर प्राइमरी स्कूलों को जूनियर हाईस्कूल में मर्ज करने के लिए शिक्षकों पर दवाब बनाएंगे. जबकि हाईकोर्ट में प्रकरण पर 30 जून को सुनवाई के दौरान चार जुलाई को सरकार को पक्ष रखने का समय दिया है. इसलिए निर्णय आने तक विभाग को इंतजार करना चाहिए. अन्यथा विभागीय कार्रवाई हाईकोर्ट की अवमानना की श्रेणी में आएगी. इस मौके पर मानवेंद्र यादव, विनोद चौधरी, राजेश्वरी देवी, सीमा, रचना, सरोज, प्रशांत गंगवार, सोना रानी और मो. हसन सनी खान आदि मौजूद रहे.

वर्जन.

नया सत्र शुरू होते ही प्राइमरी स्कूलों को जूनियर में मर्ज करने के निर्देश दिए जा चुके हैं. जुलाई में स्कूलों को मर्ज किया जाएगा. इससे पहले यदि हाईकोर्ट का कोई निर्णय आ जाता है तो उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

तनुजा त्रिपाठी, बीएसए

Posted By: Radhika Lala