देश में दिवाली का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। बीसीसीआई ने इस मौके पर मैच कराना अब भले बंद कर दिया मगर एक वक्त था जब दिवाली पर टीम इंडिया मैदान में खूब धूम-धड़ाका करती थी। आइए जानें भारत के दिवाली पर खेले गए पांच यादगार मैचों के बारे में...


कानपुर। भारतीय क्रिेकट टीम ने दिवाली पर इंडियन फैंस को कई बार जश्न मनाने का मौका दिया। चाहें धोनी का धमाका हो या फिर सचिन का हीरो कप में हीरो बनना, आज भी दिवाली पर खेले गए टीम इंडिया के पांच मैच काफी याद किए जाते हैं...धोनी के धमाके में उड़े श्रीलंकाई


दिवाली वाले दिन टीम इंडिया ने अगर सबसे बेहतरीन मैच खेला है, तो वो 2005 का है। उस वक्त श्रीलंकाई टीम भारत दौरे पर थी और सीरीत का तीसरा वनडे जयपुर में दिवाली वाले दिन खेला गया। राहुल द्रविड़ की कप्तानी में मैदान में उतरी भारतीय टीम को पहले फील्डिंग करनी पड़ी। श्रीलंका की तरफ से कुमार संगकारा ने बेहतरीन शतकीय पारी खेली। संगकारा 138 रन बनाकर नाबाद रहे वहीं उनके अलावा जयवर्द्घने ने 71 रन बनाए। जिसके चलते श्रीलंकाई टीम ने चार विकेट के नुकसान पर 298 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। इतने बड़े लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम के ओपनर्स सहवाग और सचिन 40 रन पर पवेलियन लौट गए। इसके बाद तीसरे नंबर पर उतरे धोनी ने नाबाद 183 रन की विस्फोटक पारी खेलते हुए भारत को चार ओवर पहले ही जीत दिला दी। धोनी ने इस पारी में 15 चौके और 10 छक्के लगाकर भारतीय फैंस को दिवाली पर जीत का तोहफा दिया।अमित मिश्रा ने लगाई विकेटों की झड़ी, तब जली फैंस की फुलझड़ीसाल 2016 में छोटी दिवाली पर भारत का मुकाबला न्यूजीलैंड से हुआ। ये मैच विशाखापत्तनम में खेला गया था जिसमें भारतीय स्पिन गेंदबाज अमित मिश्रा ने ऐसी फिरकी घुमाई कि दर्शकों को चरकी घुमाने का मौका मिल गया। एमएस धोनी की कप्तानी में भारत ने टाॅस जीतकर पहले बैटिंग का निर्णय लिया और छह विकेट के नुकसान पर 269 रन बनाए। अब कीवियों को मैच जीतने के लिए 270 रन बनाने थे, मगर पूरी न्यूजीलैंड टीम 79 रन पर ढेर हो गई। कीवियों को सस्ते में समेटने में भारतीय स्पिन गेंदबाज अमित मिश्रा का अहम योगदान रहा। अमित ने छह ओवर में 18 रन देकर 5 कीवी बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखाया।जब दिवाली पर जीता वर्ल्डकप मैच

जब वर्ल्डकप का रोमांच जोरों पर हो, उस पर भारत का मैच दिवाली वाले दिन हो जाए तो एक भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए इससे बड़ा खुशी का दिन नहीं हो सकता। यह खुशी तब दोगुनी हो गई जब टीम इंडिया ने भारतवासियों को जीत का तोहफा दिया। 1987 वर्ल्डकप में 15वां मैच भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया के बीच दिवाली वाले दिन खेला गया। भारतीय टीम की कमान कपिल देव के हाथों में थी, भारत ने पहले खेलते हुए 6 विकेट के नुकसान पर 289 रन बनाए। कंगारु जैसी टीम के लिए यह लक्ष्य आसान था मगर इसे मुश्किल बना दिया अजहर ने। आमतौर पर मोहम्मद अजहरुद्दीन को उनकी बैटिंग और फील्डिंग के लिए याद किया जाता है मगर इस मैच में अजहर ने अपनी जादुई गेंदबाजी से तीन ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा और भारत को 56 रन से मैच जितवाया।जडेजा-अश्विन की जोड़ी ने किया कमाल

साल 2011 में छोटी दिवाली पर भारतीय फैंस ने टीम इंडिया की जीत के पटाखे फोड़े थे। ये मैच कोलकाता में इंग्लैंड के खिलाफ खेला गया था। उस वक्त भारतीय टीम की कमान एमएस धोनी के हाथों में थी। इंग्लिश कप्तान ने टाॅस जीतकर भारत को पहले बल्लेबाजी का न्यौता दिया। टीम इंडिया ने निर्धारित 50 ओवर में आठ विकेट के नुकसान पर 271 रन बनाए। इसमें सबसे ज्यादा 75 रन धोनी ने बनाए थे। अब अंग्रेजों को जीत के लिए 272 रन बनाने थे। मगर भारतीय स्पिन जोड़ी रवींद्र जडेजा और आर अश्विन ने ऐसी फिरकी घुमाई कि इंग्लिश बल्लेबाज चारों खाने चित्त हो गए। अश्विन ने जहां तीन विकेट लिए वहीं जडेजा ने चार बल्लेबाजों को आउट कर पूरी इंग्लिश टीम 176 रन पर समेट दी और भारत ने ये मुकाबला 95 रन से जीता।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari