पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह का कहना है कि इस समय टीम को ऐसे शख्स की जरूरत है जो उनके समय हुआ करता था। ताकि खिलाड़ी निजी और प्रोफेशनल जिंदगी में बैलेंस बना सकें।

नई दिल्ली (आईएएनएस)। पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी युवराज सिंह का मानना ​​है कि मौजूदा भारतीय टीम को एक ऐसे शख्स की जरूरत है जो खिलाडिय़ों से उनके क्षेत्र के मुद्दों के बारे में बात कर सके ताकि मैदान पर उनका प्रदर्शन बेहतर हो सके। युवराज, जिन्होंने पिछले साल संन्यास लिया, उनका कहना है विराट कोहली के नेतृत्व वाली टीम को अप्टन जैसे किसी व्यक्ति की जरूरत है, जो खिलाडिय़ों से जीवन और अन्य ऑफ-फील्ड मुद्दों पर बात कर सके। साल 2011 में जब टीम इंडिया के कोच गैरी कर्स्टन थे उस वक्त पैडी अप्टन भी स्टॉफ में शामिल थे। अप्टन प्लेयर्स की मेंटल स्थिति पर चर्चा करते थे।

टीम को अप्टन जैसे व्यक्ति की जरूरत

युवराज ने स्पोर्टस्टार को दिए एक साक्षात्कार में कहा,"इस भारतीय टीम को भी एक अच्छे आदमी की जरूरत है जो मैदान के अंदर और बाहरी मामलों पर उनसे बात कर सके। उन्हें क्या जरूरत है इस पर चर्चा करे उन्हें बेहतर व्यक्ति बना सकते हैं।' युवी ने कहा, हमारे पास अप्टन थे जो जीवन के अन्य मुद्दों पर चर्चा करते थे जिससे उस वक्त कई प्लेयर्स असफलता से बाहर निकले। टीम को शायद उनके जैसे किसी की जरूरत है।

धोनी से ज्यादा सपोर्ट गांगुली ने दिया

बाएं हाथ के खिलाड़ी ने यह भी कहा कि उन्हें एमएस धोनी और विराट कोहली की तुलना में सौरव गांगुली से बहुत अधिक समर्थन मिला। युवराज ने 2000 में चैंपियंस ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गांगुली की कप्तानी में डेब्यू किया और अपने करियर में अलग-अलग समय में राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, धोनी और कोहली की कप्तानी में भी खेले। इसको लेकर युवी कहते हैं, ''मैंने सौरव की कप्तानी में काफी खेला है, उनसे मुझे काफी सपोर्ट मिला। फिर माही के हाथों में कप्तानी आई, दोनों में किसी एक को चुनना काफी कठिन है। हालांकि गांगुली के साथ मेरी काफी यादें जुड़ी हैं, उनके जैसा समर्थन मुझे विराट और धोनी से नहीं मिला।'

महामारी के बीच अफवाहों से बचे

पूर्व भारतीय ऑलराउंडर ने गांगुली की कप्तानी में 110 और धोनी के नेतृत्व में 104 एकदिवसीय मैच खेले। 38 वर्षीय खिलाड़ी ने वर्तमान लॉकडाउन के बारे में बोलते हुए कहा कि यह काफी कठिन समय है। युवराज ने कहा, "यह बहुत तेजी से फैल रहा है। लोगों को घबराने के बजाय आधिकारिक स्वास्थ्य साइटों (डब्ल्यूएचओ और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय) से यह समझना चाहिए कि बीमारी क्या है।" शुरुआत में बहुत डर गया लेकिन फिर मुझे सही जानकारी मिली, सही डॉक्टर और अस्पताल गए। कृपया समझें कि ये सरकारी और आधिकारिक स्वास्थ्य साइटें आपको सही मार्गदर्शन करेंगी क्योंकि सोशल मीडिया पर वायरस के बारे में कई अफवाहें भी फैल रही।'

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari