फर्जी डीएल लेकर से फरार्टा भर रहे कम उम्र के बाइक राइडर

-खतरे को जानते हुए भी पेरेंट्स बच्चों के हाथ में दे रहे बाइक

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बच्चों की अच्छी-बुरी आदतों के लिए जिम्मेदार कहीं न कहीं से पेरेंट्श होते हैं। जानते हुए उसे गलती करने की छूट देना किसी अपराध से कम नहीं है। अपने शहर में पैरेंट्स ऐसा ही अपराध कर रहे हैं। अंडर ऐज ग्रुप के लाडलों के हाथों में बाइक की चाभी थमा दे रहे हैं और वह बेधड़क ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि कई अंडर एज बाइक राइडर तो फ्राड भी कर रहे हैं। वे फर्जी डीएल बनवाकर चल रहे हैं। इससे टै्रफिक पुलिस की कार्रवाई से बच जा रहे हैं।

स्कूलों की चेकिंग में मिली जानकारी

अंडर ऐज ग्रुप के बाइक राइडर्स के फर्जी खेल का पता उस वक्त चला जब स्कूलों की ओर से जांच की गयी।

वाराणसी स्कूल एसोसिएशन के प्रेसीडेंट दीपक मधोक का कहना है कि ये चौंकाने वाला मामला है। बाइक लेकर स्कूल आने वाले बच्चों की जांच की गयी तो कुछ ने अपने पास डीएल होने की बात कही। डीएल की जांच में उनकी ऐज स्कूल रिकार्ड से अलग मिली। इसके बाद कहीं न कहीं से आरटीओ की वर्किंग पर भी सवाल उठता है। कैसे कम ऐज के बच्चों को डीएल मिल गया और वो भी गलत डेट ऑफ बर्थ से। जरूरी है कि इन मामलों में भी सख्ती हो ताकि बढ़ते हादसों को रोका जा सके।

आसानी से मिलता है फर्जी डीएल

- बाइक चलाने के लिए ड्राइंिवंग लाइसेंस जरूरी है

- 18 साल से कम ऐज होने पर डीएल नहीं बन सकता

- यही वजह है कि स्कूली बच्चे बाइक की चाह में फर्जी डीएल बनवाते हैं

- ये डीएल ब्रोकर की मदद से आसानी से मिल जाता है

हादसे बताते हैं क्यों जरूरी है नियम

- नियम के मुताबिक 18 साल से कम ऐज का व्यक्ति गियर वाली गाडि़यां नहीं चला सकता

- ऐसा हादसों को रोकने के लिए बना नियम है

- पुलिस रिकार्ड के मुताबिक प्रतिदिन औसतन एक दुर्घटना होती है

- वर्ष 2013 में सड़क हादसों में 378 मौत हुई

- 2014 में ये संख्या बढ़कर 413 हो गई

- जबकि 2015 में मौतों की संख्या लगभग 450 रही

- छह माह में अब तक 50 से ज्यादा लोगों ने सड़क पर दम तोड़ा है

- 2013 में 757 लोग रोड एक्सिडेंट में घायल हुए वहीं 2014 में 887 घायल हुए

- 2015 में सड़क हादसों में घायल होने वालों की संख्या 866 रही

स्कूल में कई बार मैं खुद चेकिंग करता हूं। एक दो बार मैंने जब गलत डीएल के साथ बच्चों को पकड़ा तो उनको ऐसा न करने की हिदायत दी। लेकिन इस गलत काम को रोकने के लिए आरटीओ को आगे आना चाहिए।

दीपक मधोक, प्रेसीडेंट वाराणसी स्कूल एसोसिएशन

कम ऐज के बच्चों को बाइक चलाने से रोकने के लिए स्कूलों संग मिलकर सख्ती की जायेगी। डीएल की भी प्रॉपर जांच होगी और अब सारी चीजें ऑनलाइन हैं इसलिए फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी।

आपी द्विवेदी, आरटीओ

Posted By: Inextlive