आंध्र प्रदेश का विभाजन करके अलग तेलंगाना राज्य बनाने से जुड़ा बिल लोकसभा में पारित हो गया है.


सरकारी टेलीविज़न दूरदर्शन पर इस बारे में ख़बर प्रसारित की गई है.इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने हंगामे की आशंका को देखते हुए सदन की कार्यवाही का सीधा प्रसारण रोक दिया था.इससे पहले इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ जिसके बाद लोकसभा की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा था.बिल के विरोध में वाईएसआर कांग्रेस के नेता जगनमोहन रेड्डी सोमवार को गिरफ़्तारी दे चुके हैं, वहीं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी बिल के विरोध में इस्तीफ़ा दे सकते हैं.वाईएसआर कांग्रेस और तेलुगु देशम पार्टी जैसे दल जहां इस बिल का विरोध कर रहे थे, वहीं तेलंगाना राष्ट्र समिति और भारतीय जनता पार्टी इस बिल के समर्थन में रहे हैं.संसदीय कार्य मंत्री कमल नाथ ने पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि जिन्हें बिल का विरोध करना है वे संसदीय ढंग से विरोध कर सकते हैं.निलंबन के बाद



कमल नाथ ने कहा, "13 फ़रवरी को इस बिल को जब लोकसभा में पेश किया गया था, तब संसद में भारी हंगामा हुआ था. विजयवाड़ा से कांग्रेस सांसद एल राजगोपाल ने बिल के विरोध में पेपर स्प्रे छिड़क दिया था. कई सांसदों की तबीयत बिगड़ गई थी और हंगामे से नाराज़ स्पीकर मीरा कुमार ने 16 सांसदों को निलंबित कर दिया था."मीडिया की ख़बरों के अनुसार वे निलंबित सांसद सदन में न जा पाएँ इसलिए मार्शल तैनात रखे गए थे.तेलंगाना बिल को लेकर सीमांध्र क्षेत्र से संबंध रखने वाले कुछ केंद्रीय मंत्रियों ने भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी से सोमवार को मुलाकात की थी.भारतीय जनता पार्टी वैसे तो तेलंगाना के गठन का समर्थन करती रही है लेकिन साथ में यह भी लगातार कहती रही कि सीमांध्र के लोगों की समस्याओं को भी सुने जाने की जरूरत है.

Posted By: Subhesh Sharma