हर महीने 3 लाख 47 हजार प्राइवेट कंपनी को कर रहे भुगतान

हर रोज औसतन 60 केस में ली जाती है टेली रेडियोलॉजी से मदद

-प्रति केस 245 रुपये प्राइवेट कंपनी को भुगतान किया जाता है

DEHRADUN : राजकीय दून मेडिकल अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट की कमी को देखते हुए एक प्राइवेट कंपनी के माध्यम शुरू की गई टेली रेडियोलॉजी व्यवस्था के नाम पर हर महीने फ् लाख म्7 हजार रुपये से ज्यादा की रकम एक प्राइवेट कंपनी को दी जा रही है। जानकारों का कहना है कि इस रकम में दो सीनियर रेडियोलॉजिस्ट स्थाई रूप से नियुक्त किये जा सकते हैं।

एनएचएम चुका रहा है

टेली रेडियोलॉजी कंपनी को उत्तराखंड के सभी अस्पतालों का कंसल्टेंसी का काम सौंपा गया है। कंपनी को पेमेंट नेशनल हेल्थ मिशन के खाते से किया जाना है। हालांकि पहाड़ी जिलों से कंपनी के पास कम केस जा रहे हैं, लेकिन दून अस्पताल से हर रोज औसतन म्0 केस दिये जा रहे हैं, यानी हर रोज क्ब् हजार 700 रुपये कंपनी को भुगतान किये जा रहे हैं। यदि महीने में ख्भ् दिन अस्पताल खुलता है तो यह रकम फ् लाख म्7 हजार भ्00 रुपये बनती है।

ऑनलाइन होती है कंसल्टेंसी

टेली रेडियोलॉजी को रेडियोलॉजिस्ट के विकल्प के रूप में चुना गया है। इसमें मरीज की जांच करने के बाद रिपोर्ट ऑनलाइन अथवा वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कंपनी के पास भेजी जाती है और कंपनी का रेडियोलॉजिस्ट रिपोर्ट की जांच करके उसे पर फाइनल रिपोर्ट करता है।

विश्वसनीयता पर सवाल

टेली रेडियोलॉजी की रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर भी कुछ लोग सवाल उठाते हैं। जानकारों का कहना है ऑनलाइन भेजी गई रिपोर्ट में वैसी विश्वसनीयता नहीं हो सकती, जैसी सामने रिपोर्ट देखकर हो सकती है। ऑनलाइन भेजी गई रिपोर्ट में कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ी होने की संभावना बनी रहती है।

कोरोनेशन में भी नहीं रेडियोलॉजिस्ट

दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अलावा कोरोनेशन अस्पताल में भी रेडियोलॉजिस्ट नहीं है। इस अस्पताल में भी अल्ट्रासाउंड जांच बंद है। यहां से भी मरीजों को दून अस्पताल भेजा जा रहा है।

इसलिए हुई समस्या

पहले दून अस्पताल में दो रेडियोलॉजिस्ट थे। जिनमें एक पीएमएचएस संवर्ग का दूसरा एक पूर्व अधिकारी संविदा पर कार्यरत थे। पिछले दिनों संविदा पर कार्यरत रेडियोलॉजिस्ट ने नौकरी छोड़ दी थी, उधर कोरोनेशन से रेडियोलॉजिस्ट का ट्रांसफर कर दिया गया है। अब दून अस्पताल में एक रेडियोलॉजिस्ट है, जिसे अल्ट्रासाउंड का काम दिया गया है। सीटी स्कैन और एमआरआई की जांच टेली रेडियोलॉजी के माध्यम से करवाई जा रही है।

लगातार बढ़ती भीड़ के कारण दून अस्पताल के एक रेडियोलॉजिस्ट के लिए काम संभालना कठिन हो रहा था, इसलिए एनएचएम के सहयोग से यह व्यवस्था की गई है। रोज औसतन म्0 केस में टेली रेडियोलॉजी की मदद ली जा रही है और प्रत्येक रिपोर्ट के लिए ख्ब्भ् रुपये का भुगतान किया जा रहा है।

-डॉ। केके टम्टा, एमएस, राजकीय दून मेडिकल कालेज अस्पताल।

Posted By: Inextlive