इस साल मार्च के अंत तक नैशनल ब्रॉडबैंड नेटवर्क प्‍लान के तहत देशभर में 20000 गांवों को ऑप्टिक फाइबर के साथ जोड़ा जायेगा. ऐसी उम्‍मींद टेलीकॉम विभाग ने जताई है. बताया जा रहा है कि सोमवार को टेलीकॉम मंत्री रवि शंकर प्रसाद केरल में प्रोजेक्‍ट का उद्घाटन करेंगे.

तय है केरल को जोड़ना  
ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं कि मार्च के अंत तक केरल को डिजिटल रूप से जोड़ना लगभग तय है. इसके बाद दक्षिण भारत के अन्य राज्यों कर्नाटक और सीमांध्र को भी इससे जोड़ा जायेगा. इसको लेकर संवाददाताओं से बात करते हुये टेलीकॉम मंत्री ने जानकारी दी कि गुजरात और महाराष्ट्र सरीखे पश्चिम भारत के राज्यों में इस पर बहुत तेजी के साथ काम चल रहा है.
सरकार ने बढ़ाई समयसीमा
अब पूरे देश को नेशनल ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क (एनओएफएन) के तहत ऑप्टिक फाइबर से जोड़ने की समयसीमा बढ़ाकर सरकार ने 2016 कर दी है. इसको लेकर शुरू में जो समयसीमा तय की गई थी, उस समय सीमा के अनुसार मार्च के अंत तक कुल 2.5 लाख ग्राम पंचायतों में से 50,000 ग्राम पंचायतों को ऑप्टिक फाइबर से जोड़ना था, लेकिन अभी तक उसपर काम बहुत धीमी गति के साथ हो रहा है.
केंद्र और राज्यों को मिलकर करना होगा काम
जानकारी देते हुए टेलिकॉम मंत्री ने बताया कि केंद्र और राज्यों को इस प्रॉजेक्ट पर एकसाथ मिलकर काम करना होगा. इसी क्रम में टेलिकॉम विभाग के सीनियर अधिकारियों के अनुसार प्रॉजेक्ट की कई बाधाओं को तो दूर कर भी लिया गया है. ऐसे में मंत्री ने बताया कि राज्य सरकारों का मानना है कि इस तरह की राष्ट्रव्यापी परियोजना से उनको बहुत बड़ा फायदा होगा. इससे बहुत सी समस्याओं का या तो हल हो गया है या उसमें बड़े पैमाने पर कमी हो गई है.
भारत सरकार के लिये रीढ़ की हड्डी जैसी है ये परियोजना
बताया जा रहा है कि नेशनल ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क 1.13 लाख करोड़ रुपये की डिजिटल परियोजना है. ऐसा कहा जा रहा है कि भारत सरकार की ये परियोजना उसकी रीढ़ की हड्डी की तरह है. इस परियोजना के तहत केंद्र ब्रॉडब्रैंड की मदद से लोगों को सामाजिक और आर्थिक सेवाएं प्रदान करने की उम्मीद करती है. परियोजना के क्रियांवित होने के बाद एनओएफएन से हर ग्राम पंचायत को ब्रॉडब्रैंड सुविधा प्रदान करने के लिए 100 एमबीपीएस (मेगाबाइट प्रति सेकेंड) बैंडविड्थ प्रदान करने की उम्मीद जताई जा रही है. सरकार ने इस परियोजना के लिए 20,000 करोड़ रुपए निर्धारित किया है. वहीं दूसरी ओर सूत्रों का कहना है कि इसकी लागत अब और भी ज्यादा बढ़ गई है और इस पर 30,000 करोड़ रुपए खर्च होगा.

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Posted By: Ruchi D Sharma