राजस्व वसूली के लिए परिवहन अधिकारियों पर कसा शिकंजा

आरटीए, डीटीओ और एमवीआई से मांगी गई रिपोर्ट

PATNA : शराबबंदी की भरपाई के लिए सरकार अब राजस्व वसूली के लिए सभी संभावित विभागों पर अपना शिकंजा कस रही है। इसी कड़ी में परिवहन विभाग के अधिकारियों को राजस्व वसूली लक्ष्य और विभागीय रिकार्ड की अनदेखी अब महंगी पड़ेगी। परिवहन विभाग ने सरकार को शराबबंदी से होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई को ध्यान में रखते हुए सभी संयुक्त परिवहन आयुक्त, क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकारी, डीटीओ और एमवीआई से अब प्रति माह पांच श्रेणियों में रिपोर्ट मांगी है। इसके लिए फॉर्मेट तय कर अधिकारियों को उपलब्ध करा दिया गया है। जिले और क्षेत्रीय कार्यालयों से भेजी जा रही रिपोर्ट के आंकड़ों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी को देखते हुए सरकार ने यह बदलाव किया है।

आरटीए से परमिट और अन्य स्रोतों से प्राप्त राजस्व और ओवरलोड वाहनों के खिलाफ की कार्रवाई से संबंधित चार श्रेणी में जानकारी मांगी गई है। एमवीआइ से वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट, दुर्घटनाग्रस्त वाहनों से संबंधित प्रदूषण जांच, चालक प्रशिक्षण केंद्र और वाहनों के खिलाफ की कार्रवाई से संबंधित रिपोर्ट शामिल है। इसके तहत प्रपत्र एक से पांच में सभी श्रेणी की जानकारी मांगी गई है।

कहा गया है कि हर महीने की पांच तारीख को परिवहन मुख्यालय को रिपोर्ट उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। वहीं डीटीओ से राजस्व वसूली, वाहनों के निबंधन, लाइसेंस, न्यायालय से संबंधित प्रतिवेदन, ऑडिट रिपोर्ट, वाहनों के खिलाफ की गई कार्रवाई और चेक पोस्ट से वसूल की गई राशि शामिल है। परिवहन विभाग की प्रधान सचिव सुजाता चतुर्वेदी ने निर्देश दिया है कि आंकड़ों के सुगम संकलन, संपादन एवं पर्यवेक्षण के लिए एकरूपता को ध्यान में रखते हुए नये प्रारूप पर रिपोर्ट भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। सरकार ने तत्काल प्रभाव से नये प्रारूप पर रिपोर्ट मांगी है।

Posted By: Inextlive