- चंदन सिंह का नाम बताकर हड़काया, क्राइम ब्रांच ने उठाया

- पूर्व प्रधान को मर्डर की धमकी देकर रुपए देने का बनाया दबाव

GORAKHPUR: गोरखपुर के कुख्यात चंदन सिंह के नाम पर पूर्व प्रधान से 10 लाख रुपए की रंगदारी हार्डकोर क्रिमिन्लस ने मांगी थी। मामला सामने आने पर सीओ प्रवीण सिंह की अगुवाई में क्राइम ब्रांच की टीम ने चार शातिरों को अरेस्ट किया। इनमें दो आरोपित पूर्व प्रधान के गांव में रहने वाले हैं। चारों के खिलाफ पूर्व में मर्डर, मारपीट, मर्डर के प्रयास के मामले दर्ज हैं। आरोपित दुर्गेश कुमार हत्या के मामले में जेल जा चुका है। जबकि, मंदीप पर एक बच्चे के अपहरण और मर्डर का मामला दर्ज हुआ था। जेल में चारों के बीच आपस में दोस्ती हुई थी। एसपी क्राइम अशोक वर्मा ने बताया कि जमानत पर छूटने के बाद चारों आपस में मिलते थे। प्रापर्टी डीलर, पूर्व प्रधान को साफ्ट टारगेट मानकर रंगदारी के लिए फोन कर दिया।

कहा था रुपए न दिए तो चली जाएगी जान

सहजनवां, टिकरिया निवासी पूर्व प्रधान वीरेंद्र मिश्र 12 नवंबर को लखनऊ जा रहे थे। दोपहर करीब पौने दो बजे अयोध्या के पास पहुंचे। तभी उनके मोबाइल पर किसी अंजान नंबर से काल आई। काल करने वाले ने खुद को चंदन सिंह बताकर 10 लाख रुपए मांगे। कहा कि रुपए न देने पर अंजाम भुगतना पड़ेगा। पूर्व प्रधान की सूचना पर सहजनवां पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। चंदन सिंह का नाम सामने आने पर एसएसपी ने मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी। उधर, प्रधान की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई। सीओ प्रवीण सिंह, एसओ सहजनवां दिनेश कुमार मिश्र, स्वॉट प्रभारी सादिक परवेज, सर्विलांस प्रभारी धीरेंद्र कुमार राय की टीम ने जांच की तो चार युवकों का नाम सामने आया।

जेल में हुई चारों की दोस्ती, मर्डर-अपहरण के हैं आरोप

शनिवार की दोपहर पुलिस टीम ने मुड़कटिया तिराहा के पास से शातिर बदमाशों को अरेस्ट किया। पूछताछ में उनकी पहचान टिकरिया के उपेंद्र निषाद उर्फ राहुल, दुर्गेश निषाद, गीडा के खरैला के रहने वाले मंदीप सिंह और खजनी के नएपुरवा निवासी अनिल प्रजापित के रूप में हुई। दुर्गेश और उपेंद्र कुमार पूर्व प्रधान के गांव के रहने वाले हैं। कुछ दिनों तक दुर्गेश ने पूर्व के गनर के रूप में काम किया था। मंदीप सिंह ने ही चंदन के नाम पर फोन किया था। पूर्व प्रधान के बारे में सभी को पता था। उनको लगा कि डर करके प्रधान आसानी से पैसे देंगे। पुलिस की जांच में पता लगा कि अपहरण और मर्डर के आरोप में मंदीप, हत्या के मामले में उपेंद्र और दुर्गेश जेल में बंद थे। अनिल भी एक मुकदमे में पहले से जेल में था। इस दौरान सभी की आपस में जान पहचान हो गई। जमानत पर छूटने के बाद उनके पास इनकम का कोई सोर्स नहीं बचा था। पुलिस का कहना है कि चारों हार्डकोर क्रिमिनल हैं। उनको लगा कि चंदन सिंह का नाम भुनाया जा सकता है। इसलिए प्रधान को टारगेट कर लिया।

पूर्व प्रधान से रंगदारी मांगने वाले बदमाशों को अरेस्ट कर लिया गया है। जेल में बंद कुख्यात चंदन सिंह के नाम पर रुपए मांग रहे थे। 48 घंटे के भीतर प्रकरण की गुत्थी सुलझ गई।

प्रवीण कुमार सिंह, सीओ क्राइम

Posted By: Inextlive