जब हम भारत के अंतरिक्ष में सेटेलाइट का शतक भेजने वाले रॉकेट की कामयाबी पर खुश हो रहे थे तब दुनिया के एक हिस्‍से में वैज्ञानिक इस बात पर सर धुन रहे थे कि 5000 वर्ष ईसा पूर्व जापान की एक गुफा पर रॉकेट का चित्र किसने बनाया जब रॉकेट की खोज का विचार भी नहीं पैदा हुआ था। आइये जाने ऐसे ही कुछ पुरातत्‍विक रहस्‍यों के बारे में जिन्‍होंने वैज्ञानिको को भौंचक्‍का किया हुआ है।

जापान में हजारों वर्ष पुराना रॉकेट का चित्र
ये जो तस्वीर आप देख रहे हैं ये किसी आज कल के बच्चे की पेंटिंग नहीं बल्कि 5,000 साल ईसा पूर्व जापान की एक गुफा में बनी प्राचीन पेंटिंग है। गुफा में बनी इस तस्वीर को देखने के बाद वैज्ञानिकों का दिमाग हिल गया है कि क्या इतने हजार वर्ष पहले कोई विमान बन चुका था, और अगर नहीं तो इसे किस सोच के आधार पर बनाया गया था।

शुद्ध लोहे का करोडों साल पुराना हथौड़ा
ऐसा ही सवाल तब उठा जब अमेरिका में सन 1934 में 140 मिलियन साल पुरानी लाइमस्टोन की चट्टानों में से एक लोहे की हथौड़ी मिली।  हथौड़े में लगा हुआ लकड़ी का हैंडल अंदर से कोयला बन चुका था। इससे साबित होता है कि वो कई मिलियन साल पुरानी थी। अब सवाल ये है कि इतना शुद्ध लोहा तो आज तक किसी खदान में नहीं मिला है तो उस दौर में ये लोहा कहां से आया। शुद्धता की बात इस आधार पर की जा रही है कि उसे निकालते समय हथौड़ी पर जो खरोंच लगी थी उस पर 80 साल बीतने के बाद भी जंग नहीं लगी यानि लोहा एकदम प्योर है। दूसरी हैरानी की बात है कि इतिहास कहता है कि मानव ने 10000 साल पहले ही धातु के हथियार बनाने सीखे हैं तो करोड़ों साल पहले ये टेक्नीक कैसे सामने आयी क्योंकि हथौड़ी की अनुमानित आयु 145 से 60 मिलियन साल पुरानी मानी जा रही है।

सहारा रेगिस्तान का पत्थरों से बना खगोलीय ढांचा
1998 में प्रोफेसर फ्रेड वैंडोर्फ की टीम ने पत्थरों के ढांचे का अध्ययन किया। जांच के बाद पता चला कि ये आकृति तक़रीबन 6000 साल ईसा पूर्व बनायी गयी थी। इस ढांचे की खोज 1973 में सहारा के रेगिसतान में की गयी थी। ये क्या है और क्यों है इसका जवाब आज भी स्पष्ट रूप से नहीं मिला है।
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तीन सौ मिलियन साल पुराना लोहे का पेंच
ऐसा ही एक रहस्य है रुसी शहर मॉस्को के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र से करीब 300 किलोमीटर दूर एक उल्का पिंड के अध्ययन के दौरान मिला लोहे का पेंच। पुरातत्व वैज्ञानिकों की मानें तो ये करीब 30 करोड़ वर्ष पुराना है। सवाल वही कि पत्थर के एक टुकड़े में लगा ये पेंच उस दौर में कहां से आया जब डायनासोर की उत्पत्ति भी नहीं हुई थी।
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आयरलैंड का विशाल जीवाश्म
1895 में द ब्रिटिश स्ट्रैंड मैगजीन में एक तस्वीर छपी थी जिसमें करीब 12 फीट 2 इंच के मानव जीवाश्म के बारे में बताया गया था। जिसकी सीने की परिधि 6 फीट 6 इंच, बाजुओं की लंबाई 4 फीट 6 इंच थी। जिसके बारे में कहना कठिन है कि ये कब का है।
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रोमानिया में मिली एल्युमीनियम कील
सबसे बड़ा रहस्य तो यही है कि 1808 के पहले तक एल्युमीनियम धातु की ही खोज नहीं हुई थी तो 20,000 साल पुराने मैस्तदन की हड्डियों में ये कैसे मौजूद थी। उस पर से शुद्ध एल्युमीनियम तो आज भी उपलब्ध नहीं है तो ये कील एकदम शुद्ध कैसे है।

नेवाडा, अमेरिका में मिला विशाल जबड़ा
अमेरिका के नेवाडा में 1911 में खुदाई के दौरान एक मानव जबड़ा मिला है। तस्वीर में आप इसकी सामान्य व भीमकाय जबड़े के साथ तुलना देख सकते हैं। इसके अलावा 1931 में दो मानव कंकाल भी मिले थे, जिनकी लंबाई 8 व 10 फीट थी।

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Posted By: Molly Seth