-किराएनामे से हो रहे प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त पर लगेगा अंकुश

-सिवाया टोल टैक्स की लीज डीड का नहीं है रजिस्ट्रेशन

-एआईजी स्टांप ने जारी किया टोल टैक्स प्रशासन को नोटिस

-कई कामर्शियल प्रॉपर्टीज के खिलाफ नोटिस भी जारी

अखिल कुमार

Meerut । कैंट बोर्ड की 10 हजार वैध-अवैध का स्वामित्व निबंधन विभाग खंगालेगा। विभाग का दावा है कि कैंट बोर्ड की प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री, खरीद-फरोख्त पर रोक के बाद 'किराएनामे' से संपत्तियों के मालिकाना हक बदल रहे हैं। बिना पंजीकृत किराएनामे से संपत्तियों की मिल्कियत बदलता कानूनन जुर्म भी है तो इससे बड़े पैमाने पर राजस्व की हानि भी हो रही है।

गठित होगी टीम

एआईजी स्टांप संजय श्रीवास्तव ने बताया कि मेरठ का बड़ा हिस्सा कैंट क्षेत्र में आता है। इस क्षेत्र में रक्षा मंत्रालय के खरीद-फरोख्त पर रोक संबंधी आदेश के बाद निबंधन विभाग को भारी क्षति हो रही है। किराएनामे को आधार बनाकर रेजीडेंशियल और कॉमर्शियल प्रॉपर्टीज के ऑनर बदल रहे हैं। इससे बड़ी राजस्व हानि निबंधन विभाग को हो रही है। एक टीम अब कैंट बोर्ड की प्रॉपर्टीज के स्वामित्व को खंगालेगी। जल्द ही यह ऑपरेशन आरंभ किया जाएगा। बता दें कि कैंट क्षेत्र में करीब 5 हजार वैध और करीब 5 हजार अवैध प्रॉपर्टीज हैं।

सिवाया टोल प्लाजा को नोटिस

भारत सरकार (नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) और वेस्टर्न यूपी टोलवेज लिमिटेड के बीच 20 साल का लीज डीड हुआ है। डीड की शर्तो का अनुपालन कंपनी नहीं कर रही है। ऐसा दावा निबंधन विभाग का है। एआईजी स्टांप संजय श्रीवास्तव ने बताया कि एनएच 58 पर स्थापित सिवाया टोल प्लाजा ने लीज डीड पर स्टांप ड्यूटी अदा नहीं की है और न ही डीड का रजिस्टर्ड कराया है। कंपनी को विभाग द्वारा नोटिस जारी किया जा रहा है। सालाना करोड़ों की राजस्व हानि महज टोल प्लाजा से हो रही है। हालांकि एनएचएआई का कहना है कि यह लीज डीड स्टांप ड्यूटी के दायरे में नहीं आ रही है। केंद्र सरकार, कंपनी के बीच रखरखाव के एवज में यह डीड देश के विभिन्न टोल प्लाजा के संबंध में हुई है। इस डीड पर स्टेट गर्वमेंट को स्टांप ड्यूटी चार्ज न करने के निर्देश भी हैं। बता दें कि डीड अमाउंट का 4 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी निबंधन विभाग चार्ज करेगा।

मेट्रो प्लाजा की दुकानों को नोटिस

निबंधन विभाग ने किराएनामे के नाम पर हो रही स्टांप चोरी पर शिकंजा कस दिया है। विभाग ने मेट्रो प्लाजा की कुछ दुकानों, कॉमर्शियल ऑफिसेस आदि के खिलाफ नोटिस जारी किया है। पल्लवपुरम् में भी कुछ दुकानों को नोटिस दिया गया है तो वहीं एमडीए से ऐसे सभी कॉमर्शियल और रेजीडेंशियल प्रॉपर्टीज का ब्योरा मांगा है जिनकी मिल्कियत लीज डीड या किराएनामे से बदली हो। यूपीएसआईडीसी को भी डिपार्टमेंट ने नोटिस दिया है।

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लीज डीड, किराएनामे के दुरुपयोग से सरकार के खजाने में सेंधमारी हो रही है। मेरठ में कैंट बोर्ड की संपत्तियों के मालिकाना हक को खंगाला जा रहा है। सिवाया टोल प्लाजा को नोटिस दिया गया है। मेट्रो प्लाजा और पल्लवपुरम की कुछ प्रॉपर्टीज को भी किराएनामे के पंजीकरण के लिए नोटिस दिया गया है।

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Posted By: Inextlive