आधा दर्जन बार आतंकी हमला झेल चुके बनारस में आईएसआई एजेंट राशिद का पकड़ा जाना चौंकाना वाला था। अमन पसंद इस शहर में दहशतगर्द खून-खराब करने की फिराक में हैं। इसके लिए अपने स्लिपर सेल का जाल बिछा रहा है।


वाराणसी (ब्यूरो)। देश के गद्दार इस शहर में मौजूद हैं और उन्हें सुरक्षित ठिकाना दे रहे चंद रुपयों के लालच में नियम-कानून ताक पर रखने वाले होटल, लॉज, पेइंग गेस्ट संचालित करने वाले। इन जगहों पर बिना किसी आईडी के कोई भी कैसे कमरा हासिल कर सकता है इसका खुलासा किया दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने अपने स्टिंग ऑपरेशन में। आइए आपको बताते हैं कैसे हुआ ये स्टिंग और कैसे बेनकाब हुए शहर की सुरक्षा को खतरे में डालने वाले। सिर्फ रुपयों से मतलब
कैंट स्टेशन के ईर्द-गिर्द दर्जनों होटल और लॉज हैं। स्टिंग के लिए टीम ने इस एरिया को ही चुना और निकल पड़े कैंट स्टेशन के सामने, इंग्लिशियालाइन और परेड कोठी में मौजूद होटल, लॉज की तफ्तीश करने। सबसे पहले टीम पहुंची परेड स्थित एक लॉज में। रिसेप्शन से मौजूद शख्स बिना आईडी के रूम देने पर राजी हो गया। उसे बात पर भी आपत्ति नहीं थी कि साथ में कौन रहेगा और कितने दिन। उसकी यह शर्त जरूर थी कि कमरे की रेट निर्धारित से ज्यादा देना होगा। रात में आने की बात कहकर रिपोर्टर लॉज से निकला।मिलेगी हर सुविधा


दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम अब पहुंची परेड कोठी के लबे रोड पर मौजूद एक लॉज में। यहां भी वही सवाल बिना आईडी के रूम मिलेगा? रिसेप्शन पर मौजूद शख्स तो जैसे इसी सवाल के लिए तैयार था। बिना चौंके उसने हामी भरी, कोई साथ रहे इस पर भी आपत्ति नहीं। उसने तो इससे आगे बढ़कर बात की और ऑफर दिया कि अगर साथ में कोई लड़की रहती है तो हर तरह की सुविधा मिलेगी। लॉज का कैमरा काम नहीं करता इसलिए उसमें कैद नहीं होंगे, अगर पुलिस चेकिंग करने आएगी तो आपको फैमिली मेम्बर बताकर किसी भी परेशानी से बचा लिया जाएगा। घूम रहे एजेंटस्टिंग करने का निकली टीम का अगला पड़ाव कैंट स्टेशन के सामने मौजूद होटल और लॉज रहा। यहां जब तक किसी लॉज को तलाशा जाता उससे पहले ही एक एजेंट आ पहुंचा। उसने ही बिना आईडी के रूम दिलाने की बात कही। गली में मौजूद एक लॉज में ले गया। वहां उसे सब जानने वाले थे। उसने रिसेप्शन पर हिदायत दिया कि इनसे कोई आईडी वगैरह ना मांगे और इनके साथ कौन आता-जाता है इसकी पड़ताल ना करें। एजेंट ने पूरे लॉज में घूमकर रूम दिखाया और हर सुविधा के बारे में विस्तार से बताया।अपराधियों के पनाहगाह

जब दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम को इतनी आसानी से बिना आईडी प्रूफ के आसानी से रहने के ठिकाने मिल जा रहे हैं तो समझा जा सकता है कि अमन के दुश्मनों के लिए कितने मुफीद पनाहगाह साबित हो सकते हैं। सिर्फ होटल, लॉज और गेस्ट हाउस नहीं शहर में मौजूद धर्मशाला, मुसाफिरखाना भी असमाजिक तत्वों के पनाहगाह हैं। कई बार शातिर अपराधी यहां से पकड़े भी गए हैं। इन जगहों पर आतंकी संगठनों से सक्रिय सदस्यों की मौजूदगी की जानकारी इंटेलिजेंस को मिलती रहती है। इनमें सबसे चर्चित यासीन भटकल भी रहा।हुईं कई वारदात- कानपुर के एक व्यापारी के अपहरण करके कैंट स्थित होटल में रखा गया था- कैंट स्थित होटल में ठहरा युवक पत्नी की हत्या करके फरार हुआ- कैंटोनमेंट स्थित होटल में फेक आईडी पर रूम लेने वाले युवक ने अपनी प्रेमिका की हत्या की- पाण्डेय हवेली स्थित लॉज में विदेशी युवक की ड्रग्स के ओवरडोज से मौत- दशाश्वमेध स्थित लॉज में साउथ इंडियन की संदिग्ध मौतनियम-कानून ताक पर- होटल, लॉज में रूम के लिए आईडी और एडे्रस प्रूफ होना जरूरी लेकिन कई ज्यादातर लॉज, गेस्ट हाउस में नहीं लिया जाता- रूम लेने वाले का डिटेल रजिस्टर में मेंटेन होना चाहिए जो अक्सर नहीं होता
- रजिस्टर आने वाले के नाम-पता के साथ उसके मकसद का भी उल्लेख होना जरूरी होता है - निर्देशों के बाद भी तमाम लॉज, पेइंग गेस्ट हाउस में कैमरे काम नहीं करते हैं- होटल, लॉज में अगर कोई विदेशी रहता है तो उसकी जानकारी एलआईयू को देने के नियम का पालन नहीं होता- संदिग्ध गतिविधि पर पुलिस को सूचना देने की जहमत भी कोई नहीं उठाताएक लॉज संचालक से रिपोर्टर की हुई बातचीत बताने के लिए काफी है कि बिना आईडी के रूम लेना कितना आसान है।रिपोर्टर : रूम चाहिए?मैनेजर : मिल जाएगा। कब चाहिए आपको?रिपोर्टर : आज भी ले सकते हैं, लेकिन मेरे साथ लड़की रहेगी। मैनेजर : कोई बात नहीं। छह सौ रुपये में रूम मिल जाएगा। रिपोर्टर : मैं और मेरी फ्रेंड कोई आईडी नहीं देंगे।मैनेजर : कोई दिक्कत नहीं। टैरिफ रेट से पैसा ज्यादा देना होगा। रिपोर्टर : कोई बात नहीं। कितना देगा होगा।मैनेजर : एक हजार देना होगा। रिपोर्टर : आपने तो छह सौ बोला था।मैनेजर : यह बिना आईडी का रेट है। कोई बात होगी तो हमें झेलना होगा।रिपोर्टर : ठीक है, तो मैं लड़की लेकर आऊ।मैनेजर : ओके।तथ्य एक नजर में- 350 होटल हैं शहर में छोटे-बड़े
- 500 लॉज मौजूद हैं शहर के अलग-अलग इलाकों में- 1200 गेस्ट हाउस गंगा किनारे से लेकर प्रमुख स्थानों पर मौजूद हैं- 50 धर्मशालाएं में बाहर से आने वालों के रहने का इंतजाम- 10 मुसाफिरखाना में रहते हैं दूर-दराज से आने वालेvaranasi@inext.co.in

Posted By: Satyendra Kumar Singh