- सैटरडे को फोन पर पत्‍‌नी से सदाकत ने की बात, पड़ोसियों ने पुलिस को दी सूचना

- 15 दिन पहले सदाकत और फहीम एक साथ गए थे नेपाल, एटीएम से निकाले थे 80 लाख रुपये

बरेली : टेरर फंडिंग के मामले में कई अहम सुराग पुलिस के हाथ लगे हैं। सूत्रों की मानें तो मामले में फरार चल रहे सदाकत अली ने सैटरडे को अपनी दूसरी पत्‍‌नी को मोबाइल से कॉल की, उसने बताया कि वह नेपाल में है, वहां कई युवा उसके संपर्क में है। पत्‍‌नी ने जब यह बात पड़ोसियों को बताई तो पुलिस को इसकी सूचना हो गई है। पुलिस ने इसकी सूचना एटीएस को दी है। 11 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी से गिरफ्तार किए चारों युवकों ने खुद को सदाकत, फहीम और सिराजुद्दीन का एजेंट बताया था।

मैं ठीक हूं, तुम अपना ख्याल रखना

जानकारी के अनुसार सदाकत ने सैटरडे देर रात अपनी दूसरी पत्नी को कॉल किया तो उससे कहा कि मैं यहां नेपाल में ठीक हूं, तुम अपना ख्याल रखना, बाकि बातें मैं तुम्हें फिर कभी बताउंगा। करीब एक मिनट बात करने के बाद उसने कॉल कट कर दी।

पुलिस ने की पूछताछ

सदाकत का फोन आने की बात पता लगते ही पुलिस उसके घर पहुंच गई और उसकी पत्नी से काफी देर पूछताछ की। जिस मोबाइल नंबर से सदाकत ने पत्नी को फोन किया उसे भी सर्विलांस पर लगा दिया है। वहीं संडे को भी पुलिस ने सिराजुद्दीन और फहीम के घर दबिश दी, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं लगा। पुलिस ने तीनों संदिग्धों की तलाश के लिए उनके परिचितों के 25 मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगाए हैं।

15 दिन पहले तीनों एक साथ गए थे नेपाल

सूत्रों की मानें तो बरेली के परतापुर चौधरी गांव निवासी सदाकत, सिराजुद्दीन और फहीम 15 दिन पहले एक साथ नेपाल गए थे, वहां तीन दिन के बाद तीनों ने करीब सप्ताह भर में अलग-अलग एटीएम से करीब 80 लाख रुपये भी निकाले।

तो तीनों ने अलग-अगल बनाए गैंग

जानकारी के अनुसार फहीम, सदाकत और सिराजुउद्दीन बरेली से एक साथ नेपाल गए थे, लेकिन वहां एक साथ टेरर फंडिंग को अंजाम नहीं देते थे, तीनों ने ही वहां के कुछ लोगों को अपने साथ जोड़ लिया था, जो कि उनके साथ मिलकर टेरर फंडिंग को अंजाम दे रहे थे।

वर्जन

सदाकत के नेपाल में होने की सूचना मिली है, यहां के और भी लड़के नेपाल में उसके संपर्क में है। फिलहाल मामले की सूचना एटीएस को दे दी गई है।

राजेश कुमार पांडेय, डीआईजी।

Posted By: Inextlive