RANCHI : डीएवी नंदराज स्कूल बरियातु में बुधवार को एसेबंली के दौरान दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। इसके साथ ही उनकी आत्मा की शांति के लिए हवन भी किया गया।

मुझे इस घटना का बहुत दुख हैं। बच्चों को इन सब चीजों से दूर रखना चाहिए। आतंकियों को बच्चों पर दया भी नहीं आई। बच्चे कभी लौट कर नहीं आएंगे। इससे मानवता शर्मसार हुई है।

गुरमीत कौर, प्रिंसिपल, डीएवी नंदराज

भगवा बच्चों की आत्मा को शांति दें। उनके माता-पिता को हौसला दें। यह घटना दिल दहलाने वाली है। जिसे सुनकर ही लगता है कि ये कैसे हो गया। मेरा तो यही कहना है कि कम से कम बच्चों को तो छोड़ दों।

निरूपा मिश्रा, टीचर

डीएवी बरियातु

डीएवी पब्लिक स्कूल बरियातु में बुधवार को पेशावर की घटना को लेकर असेबंली में दो मिनट का मौन रखा गया। जिसमें बच्चों के साथ टीचर्स ने भी बच्चों को श्रद्धांजलि दी।

ऐसी घटना को अंजाम देने वाले किसी मजहब के नहीं हो सकते हैं। आतंक ही इनका मजहब है और लोगों को मारना ही इनका काम। अगर ये लोग अपनी ताकत अच्छे काम में लगाते तो इन्हें भी फायदा होता और समाज को भी।

वीके सिंह, प्रिंसिपल, डीएवी बरियातु

हम इस घटना से मर्माहत हैं और इस घटना के बारे में जानकारी मिलते ही ऐसा लगा कि आखिर इन बच्चों का कसूर क्या था। इन आतंकियों को क्या मासूम बच्चों का चेहरा भी देखकर दया नहीं आई। शर्म आनी चाहिए इनको।

प्राणाशीष चंद्र रिंकू, टीचर

सुरेंद्रनाथ सेंटेनरी स्कूल

पेशावर के आर्मी स्कूल में हुए आतंकी हमले को लेकर सुरेंद्रनाथ सेंटेनरी स्कूल के बच्चों में दुख के साथ रोष देखा गया। घटना की निंदा यहां सबने एक स्वर में की।

निर्दोष बच्चों को इतनी बड़ी कुर्बानी देनी पड़ेगी यह किसी ने सोचा नही था। मानवता यहां शर्मसार हो रही है। आज गन पावर क्या सबसे बड़ा पावर बन गया है? उन बच्चों के लिए कम से कम अब इन चीजों पर रोक लगाना चाहिए।

सुचित्रा मुखर्जी, सीनियर इंग्लिश टीचर

निर्दोष बच्चों पर हमला करना कायरता है। जिन बच्चों की निर्मम हत्या कर दी गई उन्हें तो यह भी नही पता होगा कि उनकी हत्या क्यों कर दी गई। गुनाहगारों को बच्चों की जान लेकर क्या हासिल हुआ। इस घटना की जितनी भी निंदा की जाए, कम है।

समिता सिन्हा, प्रिंसिपल

Posted By: Inextlive