Patna: जब से नेशनल एलिजिबिलिटी नेट में ऑब्जेक्टिव पैटर्न शुरू हुआ स्टूडेंट्स की संख्या बेतहाशा बढ़ी है. कैंडिडेट्स का कहना है कि पहले काफी लिखना पड़ता था लेकिन अब एग्जाम देना आसान हो गया है.


हर सेंटर पर सही आंसर और क्वेश्चन रविवार को नेट देने के बाद हर सेंटर पर सही आंसर और क्वेश्चन पर डिस्कशन आम नजारा था। दो शिफ्ट में लिए गए नेट में तीन पेपर थे। इसमें एक जेनरल स्टडी, जो हर कैंडिडेट के लिए एक था। इसके अलावा दो पेपर सब्जेक्ट बेस्ड पर थे। 15 percent स्टूडेंट्स absentपटना में नेट के लिए 30 सेंटर बनाए गए थे। इसके अलावा एजुकेशन ऑफिसर के एग्जाम लिए एक सेंटर वीमेंस टे्रनिंग कॉलेज बनाया गया था। इस बार नेट के लिए 27,300 के लगभग कैंडिडेट्स एपीयर होने वाले थे। लेकिन 15 परसेंट के लगभग कैंडिडेट््स अब्सेंट रहे। इस संबंध यूजीसी नेट को-ऑर्डिनेटर डॉ। संजय कुमार सिन्हा ने बताया कि नेट में लगभग 15 परसेंट कैंडिडेट्स अब्सेंट रहे। वहीं एजुकेशन ऑफिसर के एग्जाम में 28 की जगह 19 कैंडिडेट्स एपीयर हुए। Top 15 percent का selection


यूजीसी-नेट को-ऑर्डिनेटर डॉ। सिन्हा ने बताया कि पहले 45 परसेंट पर क्वालिफाई हो जाते था। लेकिन अब सेलेक्शन का पैटर्न चेंज कर दिया गया है। अब हर सब्जेक्ट के टॉप 15 परसेंट का ही सेलेक्शन होता है। नेट के बाद अब कैंडिडेट्स को रिजल्ट का इंतजार है। इस संबंध में डॉ। सिन्हा ने बताया कि रिजल्ट आने में लगभग 2 महीने लग जाएंगे। Examinees's views

सेकेंड पेपर अच्छा गया। लेकिन थर्ड पेपर थोड़ा टफ था। अब ऑब्जेक्टिव होने के कारण एग्जाम आसान हो गया है। जेनरल स्टडीज का पेपर ईजी था। रश्मि कुमारी, सोशियोलॉजी जेनरल स्टडी सही रहा। अपना सब्जेक्ट भी सही रहा। लेकिन पेपर अधिक अच्छा गया। सेकेण्ड पेपर में कई क्वेश्चन थोड़ा टफ था। मनीषा भारती, हिस्ट्रीमेरा तीनों पेपर बहुत अच्छा गया। जेनरल स्टडी में 60 में से 50 क्वेश्चन ही सॉल्व करना था। इसमें सारे क्वेश्चन बहुत ही आसान थे। सीमा सरोज, साइकोलॉजीपिछली बार की अपेक्षा क्वेश्चन थोड़ा टफ था। मैंने पिछली बार भी एग्जाम दिया था। इस बार करेंट अफेयर से क्वेश्चन कम था. सुनील कुमार, हिस्ट्री

Posted By: Inextlive